वर्दी में इंस्टाग्राम रील बनाने पर अब नपेंगे पुलिसकर्मी, आईटी एक्ट में होगी कार्रवाई, नौकरी पर रहेगा खतरा
पटना। बिहार में पुलिसकर्मियों द्वारा ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील्स और वीडियो बनाने की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, अब राज्य पुलिस मुख्यालय ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत पुलिसकर्मियों को वर्दी में या ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए आईटी एक्ट के तहत भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और अधिकारी अब इस मुद्दे पर ज्यादा सतर्क हो गए हैं।
वर्दी में रील्स बनाने पर सख्ती
हाल के दिनों में पुलिसकर्मियों द्वारा ड्यूटी के दौरान वीडियो और रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। कई बार ये वीडियो सोशल मीडिया पर भद्दे और अश्लील कमेंट्स का कारण बन जाते हैं, जिससे पुलिस की छवि खराब होती है। पुलिस मुख्यालय ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए यह फैसला किया है कि ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उनके करियर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
24 घंटे ड्यूटी पर माने जाएंगे पुलिसकर्मी
पुलिस मैनुअल के अनुसार, पुलिसकर्मी चाहे निलंबित हो या नहीं, उसे 24 घंटे ड्यूटी पर माना जाता है। इसका मतलब यह है कि ड्यूटी के समय हो या व्यक्तिगत समय, पुलिसकर्मियों पर उनकी जिम्मेदारियों का बोझ हमेशा रहेगा। ऐसे में अगर कोई पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान या वर्दी में रील्स या वीडियो बनाता है, तो यह पुलिस मैनुअल के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इस तरह की गतिविधियों पर अब पुलिस अधीक्षक कड़ी नजर रखेंगे और दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर गतिविधियों के लिए अनुमति अनिवार्य
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की गतिविधि जैसे कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट या वेबिनार में भाग लेने से पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही, किसी भी ऐसी जानकारी को साझा करने की मनाही होगी, जो पुलिस विभाग या किसी विशेष जांच से संबंधित हो। पुलिस की जांच प्रक्रिया, टैक्टिस, फील्ड क्राफ्ट या अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को सोशल मीडिया पर साझा करने पर भी पूरी तरह से रोक लगाई गई है।
कार्रवाई के उदाहरण
कुछ मामलों में पहले ही पुलिस अधीक्षकों द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है। कई जिलों में पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी गई है, और यदि वे इन निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की छवि बनाए रखने पर जोर
इस सख्ती का मुख्य उद्देश्य पुलिसकर्मियों की सामाजिक छवि को सुधारना है। सोशल मीडिया पर अश्लील या विवादित वीडियो डालने से आम जनता में पुलिस की छवि धूमिल होती है, जो पुलिस विभाग के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए, पुलिसकर्मियों को अब सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की सामग्री पोस्ट करने से पहले सख्त नियमों का पालन करना होगा और बिना अनुमति के कोई भी जानकारी साझा करने से बचना होगा। इन नए दिशा-निर्देशों से उम्मीद की जा रही है कि पुलिस विभाग की गरिमा को बनाए रखा जाएगा और पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति और अधिक सजग होंगे।