परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने को बीपीएससी की नई पहल, अभ्यर्थियों को यूनिक नंबर देगा आयोग

  • बनेगा मास्टर डाटाबेस: सभी डॉक्यूमेंट रहेंगे, हर एग्जाम की मिलेगी जानकारी, नकल पर लगेगी लगाम

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। आयोग अब अभ्यर्थियों का मास्टर डाटा बेस तैयार करने की प्रक्रिया में जुट गया है, जिसमें सभी अभ्यर्थियों की विस्तृत जानकारी शामिल होगी। बीपीएससी अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने कहा कि यह कदम पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाया गया है। अभ्यर्थियों को अब अपनी शैक्षणिक योग्यता, आधार कार्ड, और आरक्षण से संबंधित सभी दस्तावेज बीपीएससी की वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। एक बार यह डाटा अपलोड होने के बाद इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। इस प्रक्रिया के तहत, सभी अभ्यर्थियों को एक यूनिक नंबर प्रदान किया जाएगा, जिसे वे आयोग की सभी परीक्षाओं में उपयोग कर सकेंगे। सबसे पहले, आयोग उन अभ्यर्थियों का डाटा बेस तैयार करेगा, जिनका डाटा पहले से ही मौजूद है। इसके बाद, जो अभ्यर्थी अब तक बीपीएससी की परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं, उनके लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। उन्हें भी अपनी शैक्षणिक योग्यता समेत सभी दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि इस पहल से अभ्यर्थियों को फॉर्म भरने में होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी। अब उन्हें बार-बार अपनी शैक्षणिक योग्यता से जुड़े दस्तावेज अपलोड नहीं करने पड़ेंगे। यूनिक नंबर के माध्यम से वे केवल परीक्षा का चयन कर सकेंगे और फॉर्म भरने की प्रक्रिया को सरल बना सकेंगे। शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई 3) में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए जो नियम लागू किए गए थे, वे आगामी परीक्षाओं में भी लागू होंगे। परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए बीपीएससी कई सुधार कर रही है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में 57 मामलों में फर्जीवाड़ा सामने आया था, जिसमें कई अभ्यर्थी दूसरों की जगह परीक्षा देते हुए पकड़े गए थे। बॉयोमीट्रिक जांच के दौरान यह गड़बड़ी पकड़ी गई और संबंधित अभ्यर्थियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। इस नई पहल से बीपीएससी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे परीक्षा प्रणाली को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं। इससे न केवल अभ्यर्थियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए मुश्किलें भी बढ़ेंगी। इस मास्टर डाटा बेस की सहायता से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और गड़बड़ी करने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी।

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