नौबतपुर में ग्रामीणों ने नाबालिक प्रेमी जोड़े की कराई शादी, सड़क पर डलवाया सिंदूर, वीडियो वायरल

पटना। बिहार के नौबतपुर में एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है, जहां ग्रामीणों ने नाबालिग प्रेमी जोड़े की सड़क पर ही शादी करवा दी। यह घटना सोमवार देर रात की है, जब एक युवक अपनी नाबालिग प्रेमिका से मिलने उसके घर के पीछे पहुंचा। इस दौरान स्थानीय लोगों को उनके मिलने की जानकारी हुई और उन्होंने दोनों को पकड़ लिया। ग्रामीणों ने दोनों को पकड़ने के बाद स्थानीय मंदिर ले जाकर उनकी शादी कराने की कोशिश की। हालांकि, मंदिर के पुजारी ने प्रेमिका के नाबालिग होने का हवाला देते हुए शादी कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने सड़क पर ही दोनों की शादी कराने का फैसला किया। सड़क पर शादी की रस्मों को पूरा करते हुए युवक ने प्रेमिका की मांग में सिंदूर भरा और दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाई। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने शादी की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। बताया जा रहा है कि दोनों नौबतपुर के ही रहने वाले हैं और पिछले कई महीनों से उनके बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। ग्रामीणों ने दोनों को साथ देखकर उनके रिश्ते को सामाजिक मान्यता देने के लिए यह कदम उठाया। हालांकि, यह शादी नाबालिग लड़की के होने के कारण कानूनी रूप से वैध नहीं मानी जा सकती। इस घटना की जानकारी मिलते ही नौबतपुर थाना प्रभारी रजनीश कुमार केसरी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। दोनों ने इस शादी को अपनी मर्जी से किया होने का दावा किया है और वे अपनी शादी से खुश भी नजर आ रहे हैं। इस शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में सड़क पर ग्रामीणों द्वारा दोनों की शादी कराते हुए देखा जा सकता है। घटना के बाद यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। लड़की के नाबालिग होने के कारण यह शादी कानूनन अवैध है। बाल विवाह अधिनियम के तहत यह अपराध की श्रेणी में आता है। ग्रामीणों के दबाव में हुई यह शादी समाज में बाल विवाह की प्रथा को उजागर करती है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। नौबतपुर की यह घटना बाल विवाह के प्रति समाज की मानसिकता को दिखाती है। यह घटना एक ओर ग्रामीणों की पारंपरिक सोच को उजागर करती है, तो दूसरी ओर बाल विवाह जैसे गंभीर मुद्दे पर कानून की अनदेखी भी सामने लाती है। जरूरत है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और कड़े कदम उठाए जाएं।
