बीबीसी के मणिकांत ठाकुर, दैनिक भास्कर की निधि व दैनिक जागरण के वीरेंद्र को पत्रकारिता सम्मान

पटना। विश्व संवाद केंद्र, बिहार द्वारा आयोजित आद्य पत्रकार देवर्षि नारद स्मृति कार्यक्रम में वर्ष 2024 के लिए तीन पत्रकारों को सम्मानित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार विष्णु प्रकाश त्रिपाठी, बीपीएससी के सदस्य प्रो. अरुण भगत व विश्व संवाद केंद्र न्यास के अध्यक्ष श्रीप्रकाश नारायण सिंह ने संयुक्त रूप से पुरस्कार प्रदान किए। आजीवन समर्पित पत्रकारिता के लिए वर्ष 2024 ‘देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद पत्रकारिता शिखर सम्मान’ बीबीसी के लंबे समय तक संवाददाता रहे मणिकांत ठाकुर को प्रदान किया गया। रांची एक्सप्रेस के बाद हिन्दुस्थान समाचार व प्रभात खबर में काम करने के बाद मणिकांत ठाकुर ने 1995 से 2013 तक बीबीसी हिंदी सेवा के लिए कार्य किया। बिहार की लोककला व जनहित के विषयों को प्रमुखता से कवर किया। यूरोपीय देशों में जाकर वहां की पत्रकारीय शैली का अध्ययन भी किया। चार दशकों से अधिक के अपने पत्रकारीय जीवन में श्री मणिकांत ठाकुर जी ने चुनाव, राजनीतिक घटनाओं से लेकर बाढ़ व दंगों को कवर किया है। विगत एक वर्ष में एक्सक्लूसिव रिपोर्टिंग के लिए इस साल ‘केशवराम भट्ट पत्रकारिता सम्मान’ युवा पत्रकार निधि तिवारी को दिया गया। अपनी खोज परक और एक्सक्लूसिव स्टोरी के लिए चर्चा में रहने वाली निधि मूलतः भागलपुर की रहने वाली हैं। पटना विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर की पढ़ाई 2022 में पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही पत्रकारिता से जुड़ गईं। 2020 से पटना के डिजिटल प्लेटफार्म में काम किया। वर्ष 2022 में दैनिक भास्कर डिजिटल टीम से जुड़ीं। स्ट्रिंगर के रूप में जुड़नेवाली निधि ने अपनी कार्यकुशलता के कारण 4 महीने के अंदर ही रिपोर्टर बनीं। रिपोर्टर बनने के बाद कई एक्सक्लूसिव स्टोरी दिए। इनके काम को देखते हुए इन्हें दैनिक भास्कर डिजिटल के स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम का हिस्सा बनाया गया। टीम का हिस्सा बनने के बाद कई स्टिंग ऑपरेशन, ग्राउंड रिपोर्ट और इंवेस्टिगेटिंग रिपोर्टिंग की। इनकी स्टोरीज को देखते हुए दैनिक भास्कर की ओर से जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड 2024 से भी सम्मानित किया गया। इस वर्ष का केशवराम भट्ट पत्रकारिता सम्मान इन्हें मानव तस्करों को एक्सपोज करने के लिए प्रदान किया जाता है। वर्ष 2024 का बाबूराव पटेल रचनाधर्मिता सम्मान दैनिक जागरण के छायाकार वीरेंद्र विश्वकर्मा को प्रदान किया गया। 27 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारीय करियर में इन्होंने मानवीय संवेदना को झकझोरने वाली कई तस्वीरें उतारीं, जिन्हें अखबारों ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया। विगत एक वर्ष में अगलगी, लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, स्कैवेंजर के संघर्ष, सड़क दुर्घटना आदि के चित्रों को उन्होंने पूरी संवदेना के साथ अपने कैमरे में कैद किया है।

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