इंडी गठबंधन पर मांझी का हमला, बोले- वहां उनकी सरकार बनी तो, वे कश्मीर को पाकिस्तान में मिला देंगे
पटना। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने हाल ही में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ कड़ी आलोचना की है। उन्होंने दावा किया कि अगर जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनती है, तो वे कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने का प्रयास करेंगे। मांझी का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सत्ता के लिए यह पार्टी हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से भी हाथ मिला सकती है। मांझी ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 को लागू करना चाहती है, जो कि पहले ही केंद्र सरकार द्वारा हटाया जा चुका है। मांझी का मानना है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन एससी-एसटी समुदाय के खिलाफ है और वे दोनों मिलकर देश के एकीकरण के खिलाफ काम कर रहे हैं। मांझी ने यह भी कहा कि कांग्रेस का अब्दुल्ला परिवार से हाथ मिलाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वे उसी पुराने एजेंडे पर काम कर रहे हैं, जिसे देश पहले ही खारिज कर चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार जम्मू-कश्मीर में बनती है, तो वे राज्य को पाकिस्तान के साथ मिलाने का प्रयास करेंगे। मांझी ने अपने विचार केवल सार्वजनिक मंचों तक ही सीमित नहीं रखे, बल्कि सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने के लिए पाकिस्तान और हिजबुल मुजाहिदीन से भी गठबंधन कर सकती है। मांझी का यह बयान एक बार फिर से कांग्रेस की राष्ट्रवादी छवि पर सवाल खड़ा करता है और पार्टी की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाता है। मांझी ने बांग्लादेश और कश्मीर के मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जब से सरकार बदली है, वहां के हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं। मांझी का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर लाठियां बरसाई जा रही हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की कश्मीर नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अगर कश्मीर को उसी समय पूर्ण रूप से भारत का अंग बना लिया जाता, तो आज की स्थिति नहीं होती। इसी प्रकार, मांझी ने इंदिरा गांधी की बांग्लादेश नीति पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि 1971 में बांग्लादेश को अलग देश बनाने की बजाय अगर उसे भारत में मिला लिया जाता, तो आज वहां के हिंदुओं की स्थिति बेहतर होती। मांझी ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में एक विशेष धर्म के एजेंडे पर काम हो रहा है, जिसका उद्देश्य हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को दबाना है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का यह बयान एक बार फिर से भारतीय राजनीति में गर्मी ला सकता है। उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जो कि आने वाले समय में राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकते हैं। मांझी का यह कहना कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने का प्रयास करेगी, भारतीय राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश और कश्मीर के मुद्दों पर भी अपने विचार रखे, जो कि उनकी राजनीतिक दृष्टि को और स्पष्ट करता है।