पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने संभाला केंद्रीय मंत्री का पदभार, पीएम को दिया धन्यवाद

नई दिल्ली। करीब 80 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बने जीतन राम मांझी ने मंगलवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री का कार्यभार संभाल लिया है। पदभार ग्रहण करने के बाद मांझी ने कहा, “मुझे प्रधानमंत्री ने कहा कि मांझी जी मैं आपको अपने विजन का विभाग दे रहा हूं। हमारा विजन है गरीबों का उत्थान हो। जहां विकास की रौशनी नहीं गई है वहां विकास पहुंचे। इस विभाग के माध्यम से आप बहुत कुछ कर सकते हैं। इसलिए आपको ये विभाग दिया गया है। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं कि पीएम नरेंद्र मोदी मुझे इस लायक समझते हैं। मांझी का उदय किसी असाधारण घटना से कम नहीं है। वर्ष 2014 और 2019 में दोनों बार उन्होंने गया लोकसभा सीट से शिकस्त खाई, लेकिन इस बार उन्होंने जीत दर्ज करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री का पद सुरक्षित किया। इमामगंज (सु) के विधायक जीतनराम मांझी ने गया (सु) सीट से चुनाव जीता है। उन्होंने राजद प्रत्याशी बोधगया (सु) के विधायक कुमार सर्वजीत को 101812 मतों के अंतर से पराजित कर दिया। मांझी का राजनीतिक सफर करीब 44 साल लंबा रहा है। वह 1980 से बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हैं। वह कई राजनीतिक दलों-कांग्रेस (1980-1990 तक), जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जद (यू) (2005-2015) से जुड़े रहे। इन राजनीतिक दलों के बिहार में सत्ता में रहने के दौरान मांझी विभिन्न मंत्री पद संभाल चुके हैं। फरवरी 2015 के राजनीतिक संकट के बाद मांझी को जद (यू) से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) बनाने की घोषणा की और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल हो गए। बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके जीनतराम मांझी दलित समुदाय की मुसहर जाति से आते हैं। मांझी का जन्म बिहार के गया जिले के खिजरसराय के महकार गांव में हुआ था। उनके पिता रामजीत राम मांझी खेत मजदूर के रूप में काम करते थे। मांझी ने 1966 में गया महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा के जीतनराम मांझी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में सबसे उम्रदराज सदस्य हैं। मांझी 79 साल के हैं। जीतन राम मांझी के मंत्री बनने के बाद मोदी कैबिनेट में 75+ का फॉर्मूला टूट गया है। दरअसल, जून 2016 में मोदी कैबिनेट से ऐसे मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई थी, जिनकी उम्र 75 साल या उससे ज्यादा थी। तब कहा गया था कि इन मंत्रियों को इनकी उम्र की वजह से ही कैबिनेट से हटाया गया है।
