जीतनराम मांझी ने मुसहर समाज में वैक्सीन को लेकर फैले भ्रम को बताया अमीरों की चाल, जानें और क्या कहा

पटना। बिहार में मुसहर समाज के लोग कोरोना वैक्सीन लेने को तैयार नहीं हैं। इसपर कई पार्टियों ने बयान दिया है। इसी बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। उनका कहना है कि मुझे कई तरह की बीमारियां हैं लेकिन फिर भी मैंने वैक्सीन की दोनों डोज ली हैं। उन्होंने मुसहर समाज में फैले भ्रम को अमीरों की चाल करार दिया है। बता दें कि मांझी खुद इसी समाज से आते हैं।

वीडियो संदेश में मांझी ने कहा, ‘गरीब तबके के लोगों में कुछ भ्रम फैला दिया गया है कि कोरोना वैक्सीन लेने से बुखार आ जाता है या और अनेक तरह की बातें लोग बता रहे हैं। ये सब भ्रम की बात है। आप जानते होंगे कि हमने वैक्सीन के दो डोज लगवा लिए हैं। हम कोरोना से आक्रांत रहे हैं और 77 साल की उम्र है। हम थॉयरायड, डायबिटीज के मरीज हैं। इसके बावजूद मैंने टीका लिया और मुझे कुछ नहीं हुआ। तो सोचा जा सकता है कि और लोगों को भी कुछ नहीं होगा। ये भ्रम वही लोग डालते हैं जो चाहते हैं गरीबों की जान चली जाए और अमीर लोगों का राज रह जाए। इसलिए जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है। इसलिए हम गरीब भाईयों से अपील करना चाहते हैं कि भ्रम में न रहें और अपने गांव में जब सैनेटाइजेशन के लिए यानि दवा छिड़काव के लिए लोग आएं तो सैनेटाइजेशन करवाएं। सहर्ष वैक्सीन लें और दूसरों को दिलवाएं।’
भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि सरकार इतनी अदूरदर्शी है कि वह कोरोना को भगाने के लिए लोगों से दीए और मोमबत्ती जलवा रही थी। यही नहीं थाली पिटवाई जा रही थी। इसका असर निचले तबकों पर बुरी तरह से पड़ा है। सरकार के गैर जिम्मेदराना रवैये की वजह से लोग प्रशासन के लोगों को देखकर भाग रहे हैं। उनके मन में यह बात बैठ गई है कि टीका लेने से मौत हो जाती है।
मुख्य विपक्षी पार्टी राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि मुसहरों को सरकार पर भरोसा नहीं है। वे समझते हैं कि नीतीश व मोदी सरकार कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाली गरीब विरोधी सरकारें हैं। सरकार ने वैक्सीन को तमाशा बनाकर रख दिया है। 18 साल से ऊपर वालों को कभी वैक्सीन लगती ही नहीं है। सरकार को तेजी से जागरूकता फैलाने का काम करना चाहिए।