पेगासस जासूसी मामले पर मांंझी ने कहा-इसकी होनी चाहिए जांच, उपेंद्र कुशवाहा बोले-जांच कराकर जनता को बताएं सच्चाई
पटना । पेगासस जासूसी मामले पर बिहार में राजनीति चरम पर है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले की जांच की मांग उठाई थी। मंगलवार को दिल्ली पहुंचे हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने भी कहा है कि पेगासस मामले की जांच होनी चाहिए। उधर, जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी कहा है कि देश सच्चाई जानना चाहता है।
जीतनराम मांझी ने सीएम नीतीश और हरियाणा के दिग्गज नेता ओमप्रकाश चौटाला के बीच हुई मुलाकात और विकल्प पर कहा कि देश में मौजूद स्थितियों से उबरने की बात हो तो उसमें कोई हर्ज नहीं है।
उन्होंने कहा कि अभी नरेंद्र मोदी काफी अच्छा काम कर रहे हैं। मांझी ने कहा कि यदि देश में कभी विकल्प की कभी बात हो तो नीतीश कुमार से बेहतर कोई नहीं हो सकता है।
जीतनराम मांझी ने कहा कि अभी पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा इस पद के लिए है कोई सबसे बेहतर आदमी है तो वो नीतीश कुमार हैं। बिहार में गठबंधन सरकार चलाना काफी चुनौतीपूर्ण है, मंत्री सम्राट चौधरी के इस बयान पर मांझी ने कहा कि ये उनकी निजी राय है।
उन्होंने कहा कि कोई दिक्कत होगी तो दूर कर लिया जाएगा। कुछ दिन पहले वीआईपी के नेता को दिक्कत हो रही थी। अब सब ठीक है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है। एनडीए में मेरी कोई रार नहीं है।
उधर, मांझी ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ये कहा कि सीएम नीतीश कुमार का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना जरूरी है साथ ही जनसंख्या के हिसाब से सभी को हिस्सेदारी मिले।
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि फोन टैपिंग मामले की सच्चाई देश जानना चाहता है। इसकी जांच कराकर सच्चाई जनता को बताना चाहिए।
कुशवाहा मंगलवार को परिसदन में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि जातीय जनगणना की मांग वर्षों पुरानी है। 1931 की जनगणना के अधार पर सरकार की योजना बने, यह त्रुटिपूर्ण होगा। 2021 में अगर नहीं हुआ तो फिर 2031 में जनगणना का इंतजार करना होगा।