16 सितंबर तक प्राइवेट स्कूलों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य, नियम उल्लंघन करने पर लगेगा लाखों का जुर्माना
पटना। बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधाने के लिए शिक्षा विभाग प्रयासरत है। विभाग सरकारी स्कूलों के साथ साथ निजी स्कूलों पर भी कार्रवाई कर रही है। निजी और सरकारी स्कूलों के व्यवस्था को सुधारने के लिए अलग अलग आदेश जारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूल के बाद निजी स्कूलों पर शिंकजा कसा है। इसके तहत विभाग ने 20 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूलों को चेतावनी दे दी है। इन स्कूलों ने अगर विभाग की बात नहीं मानी तो 17 सितंबर के बाद उन्हें लाखों रुपए का जुर्माना भरना होगा। बिहार सरकार ने 20 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कस दिया है। इन स्कूलों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है। शिक्षा विभाग ने इनको आखिरी चेतावनी दी है। 16 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया तो एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। अभी तक लगभग 40 हजार में से 20 हजार स्कूलों ने ही रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों को मान्यता लेना जरूरी है। मिथिलेश मिश्र ने बताया कि बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों का रजिस्ट्रेशन जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इस कानून की धारा 18 के मुताबिक कोई भी स्कूल बिना मान्यता के नहीं चल सकता। ऐसा करने पर इस अधिनियम की धारा-18 (5) एवं 19 (5) के तहत दोषी व्यक्ति या संस्था पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है अथवा निर्धारित तिथि के बाद भी बिना प्रस्वीकृति (रजिस्ट्रेशन) के स्कूल संचालित रहने पर प्रत्येक दिन के लिए 10 हजार रुपये जुर्माना किया जा सकता है।