संजय झा बनाए गए जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश ने लिया फैसला

नई दिल्ली/पटना। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संजय झा को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। संजय झा पार्टी के पहले कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं। मीटिंग में कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव नीतीश कुमार खुद लेकर आए। हालांकि, वह बिहार के मुख्यमंत्री भी हैं। ऐसे में उनके कामकाज के बोझ को कम करने के लिए इस बैठक में संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही इस बैठक में कई अहम प्रस्ताव भी पास हुए हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की पुरानी मांग को जेडीयू ने एक बार फिर दोहराया है। बिहार में कास्ट सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के फैसले को नीतीश कुमार की पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सही ठहराया है। पटना हाई कोर्ट से निरस्त होने के बावजूद इसे इसे 9वीं अनुसूची में शामिल करने की केंद्र से मांग की है।
तीन बैठक में तीन बड़े बदलाव हुए हैं
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तीन बैठक में लगातार तीन बड़े बदलाव हुए हैं। दिसंबर 2020 को बुलाई गई बैठक में नीतीश कुमार ने पहली बार किसी को पार्टी की कमान सौंपी थी। इसमें आरसीपी सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद जुलाई 2021 की बैठक में ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। जबकि, सबसे हालिया दिसंबर 2023 की बैठक में ललन सिंह को हटाकर एक बार फिर से नीतीश कुमार पार्टी की कमान अपने हाथ में ली थी। इससे पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, नीतीश के नेतृत्व में 2025 का चुनाव लड़ने और झारखंड विधानसभा में कैंडिडेट उतारने समेत अन्य प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस बैठक में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर भी प्रस्ताव पास हुआ। साथ ही जदयू की ओर से इस बात को लेकर भी प्रस्ताव पास हुआ है कि 2025 का चुनाव बिहार में एनडीए नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में, जद-यू ने बिहार में जिन 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 12 पर जीत हासिल की। इसके अलावा, पार्टी को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के हिस्से के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी प्रतिनिधित्व मिला है। जद-यू भाजपा के प्रमुख गठबंधन सहयोगियों में से एक है। बैठक के बाद अशोक चौधरी ने कहा संगठन के साथ बीजेपी के साथ गठबंधन की जिम्मेदारी संजय झा की होगी।
जदयू की बैठक में कई प्रस्ताव पर चर्चा हुई
1.नीतीश कुमार के नेतृत्व मे 2025 का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव 2.झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव 3. बढ़े हुए आरक्षण को लेकर प्रस्ताव 4. 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग 5. बिहार को विशेष पैकेज देने के प्रस्ताव पर चर्चा बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बन सकती है। 44 विधायकों वाली जदयू लोकसभा चुनाव में इस बार 74 विधानसभा में बढ़त बनाने में कामयाब रही है। बिहार से पहले इस साल झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं। कार्यकारिणी की बैठक में इन राज्यों को लेकर भी रणनीति बन सकती है। संगठन की मजबूती के साथ कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी लोकसभा चुनाव में अपनी चार सीटों पर हार की समीक्षा भी करेगी। इस चुनाव में अपने मजबूत गढ़ सीमांचल से जदयू का लगभग सफाया हो गया है। पिछले साल दिसंबर में पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालने के बाद, कुमार द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णयों में से एक बिहार में ‘महागठबंधन’ (राष्ट्रीय जनता दल के साथ) से नाता तोड़ना और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में वापस आना था।

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