पहलगाम हमले में प्रधानमंत्री की संवेदनहीनता सवाल खड़ी करती है, सर्वदलीय बैठक से ज्यादा रैली को महत्व गलत:- डॉ मदन मोहन झा

पटना।आतंकवाद का दंश और संवेदनाओं की मौत का मंजर हमें हाल ही में देखने को मिला। जब कश्मीर के पुलवामा में पाक परस्त आतंकवादियों ने पर्यटकों की नृशंस हत्याएं की और समूचा देश स्तब्ध है और सवाल कर रहा है कि जिस क्षेत्र में ‘आर्म फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट’लगा है वहाँ एक भी सुरक्षा कर्मी तैनात क्यों नहीं था जबकि वहाँ दो हज़ार से अधिक पर्यटक मौजूद थे तब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार करते हुए इस घटना के अगले ही दिन जब सारा देश शोक में डूबा हुआ था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी के झंझारपुर में चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंच गए। वहीं उसके अगले दिन भाजपा जेडीयू के नेता 23 अप्रैल को एयर शो के जश्न में डूबे हुए थे इतना हीं नहीं एक ओर देश के प्रधान मंत्री और बिहार के मुख्य मंत्री बिहार की राजनीतिक रैली में ठहाके लगा रहे तो दूसरी ओर मृतकों के परिजन आंसू बहा रहे थे। ये बातें बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विधान परिषद में दल के नेता डॉ मदन मोहन झा ने कही।

विधान परिषद में दल के नेता डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि शर्मनाक बात तो यह है कि एक तरफ़ बिहार के मारे गए नागरिक मनीष रंजन की अर्थी निकल रही थी और दूसरी ओर पीएम मोदी और सीएम नीतीश की रैली चल रही थी।
बिहार और देश की जनता जानना चाहती है कि जब देश की सुरक्षा के मसले पर सर्वदलीय बैठक चल रही थी तो प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक में शामिल होने क्यों नहीं गए जबकि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर बैठक में शामिल होने चले आएं। जहाँ देश ने आतंकवाद का दंश झेला वहीं प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश के इस आचरण से सारी संवेदनाओं की मौत हो गई। देश के वर्तमान हालात में जहां विपक्ष सरकार के साथ मजबूती से खड़ी नजर आ रही है और हरसंभव सहयोग की घोषणा कर चुकी है वैसे में भाजपा और उसके सहयोगी नीतीश कुमार अपनी संवेदनहीनता से देश के अंदर बाहरी देश पाकिस्तान संपोषित आतंकवाद पर असंवेदनशील व्यवहार कर रहे हैं।

राजेश राठौड़
चेयरमैन ,मीडिया विभाग ,बिहार कांग्रेस

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