मुजफ्फरपुर में अवैध शराब की खेप ले जा रही वाहन दुर्घटनाग्रस्त, दो लोगों की हुई मौत
मुजफ्फरपुर। बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब की तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इसी क्रम में हाल ही में एक और दुखद घटना हुई जब अवैध शराब की खेप ले जा रही एक लक्जरी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई। यह घटना मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर थाना क्षेत्र के पनसलवा चौक के पास देर रात घटित हुई। इस दुर्घटना ने न केवल अवैध शराब की तस्करी की गंभीर समस्या को उजागर किया, बल्कि इस व्यापार में लगे लोगों के जोखिम भरे जीवन को भी सामने रखा। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही मोतीपुर थाना की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को वाहन से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) भेज दिया। वाहन को जप्त कर पुलिस थाने ले आई गई है और मामले की जांच की जा रही है। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। लोगों के बीच अवैध शराब के कारोबार और तस्करी को लेकर गहरी चिंता फैल गई है। बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद शराब तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शराबबंदी कानून के तहत राज्य में शराब के उत्पादन, बिक्री और सेवन पर पूरी तरह से रोक है, लेकिन इसके उल्लंघन की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। इस दुर्घटना के संदर्भ में पुलिस ने बताया कि यह घटना तब हुई जब एक लक्जरी वाहन, जो अवैध शराब से भरी हुई थी, अज्ञात वाहन के चपेट में आ गई। दुर्घटना के दौरान वाहन में बैठे दो व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने यह भी पुष्टि की कि लक्जरी वाहन में बड़ी मात्रा में विदेशी शराब लदी हुई थी, जिसे तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। बिहार पुलिस और उत्पाद विभाग ने राज्य में अवैध शराब के व्यापार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। निरंतर चलाए जा रहे अभियानों और छापेमारी के बावजूद शराब तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर अपने धंधे को जारी रखने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस और उत्पाद विभाग ने इस दिशा में लगातार सफलता भी हासिल की है, लेकिन तस्करों की बढ़ती गतिविधियों ने सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि शराब तस्करी में लिप्त लोग केवल कानून का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने और दूसरों के जीवन को भी जोखिम में डाल रहे हैं। तेज गति और अज्ञात वाहन की टक्कर से हुई इस दुर्घटना ने दो लोगों की जान ले ली, और अवैध व्यापार में संलिप्तता का भयानक पक्ष सामने रखा। यह घटना न केवल तस्करों के लिए एक सबक होनी चाहिए, बल्कि प्रशासन और आम जनता के लिए भी एक चेतावनी है कि अवैध व्यापार में लिप्त रहना कितना खतरनाक हो सकता है। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि यह अवैध शराब की खेप कहां से आ रही थी और इसे कहां पहुंचाया जा रहा था। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि इस तस्करी के पीछे कौन से बड़े गिरोह शामिल हैं और इस व्यापार में और कौन-कौन लोग लिप्त हैं। अवैध शराब तस्करी से न केवल राज्य के कानून का उल्लंघन होता है, बल्कि समाज पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ता है। शराबबंदी के बावजूद तस्करी का जारी रहना एक बड़ी समस्या है, और इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। बिहार सरकार को इस दिशा में और सख्ती से कार्रवाई करनी होगी ताकि अवैध शराब के व्यापार पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके। इस दुर्घटना ने एक बार फिर इस तथ्य को उजागर किया है कि तस्करी का धंधा न केवल अवैध है, बल्कि यह जानलेवा भी हो सकता है। शराबबंदी के बावजूद इस व्यापार को जारी रखने वाले लोग अपने और दूसरों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में और अधिक सतर्कता बरतनी होगी और जनता को भी इस तरह की गतिविधियों की सूचना देकर पुलिस की मदद करनी चाहिए ताकि ऐसे हादसे और अपराध रोके जा सकें।