सूबे में एक सितंबर से परिवहन विभाग की ओर से नये नियम के तहत ड्राइविंग लाइसेंस को ले परिवहन कार्यालय में लगने लगी भीड़
तिलौथू (रोहतास)। देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य राज्यों में बीते एक सितंबर से नये मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की दरें बढ़ने से जिला परिवहन कार्यालय परिसर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिये लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। वहीं वाहन लाइसेंस के लिये औसतन रोजाना सौ से अधिक आवेदन आ रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या पंद्रह से बीस रहती थी। इस संबंध में आगे बताया गया कि बीते एक सितंबर से सूबे के विभिन्न जिलों में लागू परिवहन एक्ट के बाद स्थानीय पुलिस द्वारा सड़कों पर वाहन चालकों की चेकिंग शुरू कर दी गयी है। इसका खासा असर भी नजर आने लगे हैं। इस संबंध में आगे बताया गया कि सड़कों पर पहले जहां इक्का-दुक्का दुपहिया वाहन चालकों के सर पर हेलमेट नजर आते थे, अब कई लोगों के सर पर हेलमेट नजर आने लगे हैं और इसके साथ हीं साथ वाहन चालक गाड़ी की कागजात व बीमा भी साथ लेकर चलने लगे हैं। सूबे में परिवहन विभाग के नये नियमों के मुताबिक बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर लगने वाले पांच हजार रुपये के जुर्माने से बचने के लिये लोग लाइसेंस बनवाना बेहतर समझने लगे हैं। यही वजह है कि आरटीओ आॅफिस में इन दिनों लाइसेंस बनवाने वालों की अधिक भीड़ लग रही है। इसमें सबसे अधिक संख्या में युवा पहुंच रहे हैं। जहां परिवहन विभाग की ओर से पहले लर्निंग लाइसेंस दी जाती है, जिसे छह माह के भीतर स्थायी कराना अनिवार्य होता है। इस संबंध में जिलेके डीटीओ मो. जियाऊला ने बताया कि इस माह की शुरूआत से ही कार्यालय परिसर में लाइसेंस बनवाने आने वालों की भीड़ उमड़ रही है और साथ हीं साथ आॅनलाइन आवेदन भी आ रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या पंद्रह से बीस रहती थी। प्रदूषण जांच केंद्रों पर दोपहिया और चारपहिया वाहन चालक प्रदूषण प्रमाणपत्र व बीमा बनवाने के लिये लाइन में लगे रहते हैं। इनमें टैक्सी चालकों की संख्या भी अधिक रहती है। सभी को अधिक जुर्माना देने का भय सताने लगा है। जिले में चल रही वाहन चेकिग में सबसे अधिक युवा ही निशाने पर हैं। जहां स्थानीय पुलिस के प्रतिदिन चालान में युवाओं की ही संख्या अधिक है। इसमें अधिकांश के पास न तो लाइसेंस थी और न ही हेलमेट पहने थे। पुलिस का जोर भी लाइसेंस व हेलमेट पर अधिक है।