सीएम हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों पर लाठीचार्ज, कार्रवाई से कई लोग घायल
पटना। पटना में सोमवार को सीएम हाउस के सामने अतिथि शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। शिक्षक अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे थे। पुलिस ने पहले उन्हें रोका, लेकिन जब वो नहीं माने तो लाठीचार्ज कर उन्हें वहां से हटाया। इसमें कई शिक्षकों को चोट भी आई है। बिहार के 4 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों से सरकार ने सेवा लेने से मना कर दिया है। 31 मार्च को उनके कार्यकाल का आखिरी दिन था। शिक्षा विभाग ने उन्हें सेवा मुक्त कर दिया है। शिक्षक इसी के विरोध में घेराव करने पहुंचे थे। बिहार के 4257 अतिथि शिक्षक पिछले 6 सालों से प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालय में काम कर रहे थे। शिक्षा विभाग की ओर से उनकी सेवा समाप्त करने का फैसला लिया गया है। इसे लेकर शिक्षा विभाग के निदेशक कन्हैया प्रसाद की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक पत्र जारी किया गया है। शिक्षा विभाग की तरफ से जारी लेटर में कहा गया है कि 25 जनवरी 2018 से राज्य में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की सेवा ली जा रही है। अभी वर्तमान में कक्षा-9वीं और 10वीं के लिए 37 हजार 847, कक्षा-11वीं और 12वीं के लिए 56 हजार 891 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल-94 हजार 738 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन शिक्षकों ने स्कूलों में जॉइन भी कर लिया है। इस स्थिति में अतिथि शिक्षकों को सेवा में बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि 1 अप्रैल से किसी भी परिस्थिति में इन अतिथि शिक्षकों से अब सेवा नहीं ली जाए। अतिथि शिक्षकों के सेवा नहीं लेने का प्रमाण पत्र 3 अप्रैल तक जमा कराएं। अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने रोका लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। प्रतिबंधित क्षेत्र में शिक्षकों के घुसने से मना करने के बावजूद जब वे नहीं माने तो पुलिस ने उनके ऊपर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पुलिस ने शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर जानवरों की तरह पीटा। थोड़ी देर के लिए पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था। प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने कहा कि जब प्रदेश में शिक्षकों की कमी थी तो उन लोगों से सेवा ली गई और बिहार का शैक्षणिक स्तर सुधरा लेकिन उनकी सेवा स्थाई करने के बजाए एक झटके में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। शिक्षा विभाग ने 25 जनवरी 2018 को निर्देश दिया था कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां अतिथि शिक्षकों से काम लिया जाए। निर्देश के आलोक में स्कूलों में 4257 अतिथि शिक्षको की नियुक्ति की गई। शिक्षा विभाग के निदेशक के पत्र में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि एक अप्रैल 2024 से इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी विभाग को यह प्रमाणपत्र दें कि उनके जिले के किसी स्कूल में अब कोई भी अतिथि शिक्षक काम नहीं कर रहा है। इस आशय का प्रमाणपत्र भेजने की अंतिम तिथि तीन अप्रैल 2024 तय की गई है। इसका सीधा अर्थ यही हुआ कि अतिथि शिक्षक किसी भी हाल में पहली अप्रैल से सेवा में नहीं रहेंगे। अतिथि शिक्षक इसे अपना अपमान मान रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले छह साल से लगातार वे स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसका सुफल उन्हें यही मिला कि रोजगार ही विभाग ने छीन लिया।