CM नीतीश बोले- प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 150 पुलिस बल की हो तैनाती, सभी थानों में हमेशा लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे
* मुख्यमंत्री ने विधि व्यवस्था एवं मद्य निषेध से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में विधि व्यवस्था एवं मद्य निषेध से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान डीजीपी एसके सिंघल ने मुख्यमंत्री को अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि थानावार, जिलावार अपराध का विश्लेषण कर उस पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। अपराध अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके। बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय जेएस गंगवार एवं अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी जितेन्द्र कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गश्ती वाहन, पैदल गश्ती, स्पीडी ट्रायल में तेजी, भूमि विवाद निपटारा, कब्रिस्तान की घेराबंदी आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में यह भी बताया गया कि पुलिस बल में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के बाद राज्य में महिला पुलिस और महिला दारोगा की संख्या लगातार बढ़ रही है और उनकी थाने में पोस्टिंग की जा रही है। मद्य निषेध से घरेलू हिंसा काफी घटी है। घर में शांति का माहौल है।
नीरा उत्पादन 62.8 लाख लीटर हुआ
बैठक में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से शराब के धंधों में लिप्त लोगों के यहां छापेमारी, गिरफ्तारी, वाहन जब्ती, शराब की जब्ती, कॉल सेंटर में आने वाले कॉलों को लेकर हो रही कार्रवाई आदि के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नीरा उत्पादन अब तेजी से हो रहा है और इसका उत्पादन अब 62.8 लाख लीटर हो गया है, इसमें जीविका का बहुत बड़ा योगदान है।
विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न हो। अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। सुनिश्चित करें कि सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे। उन्होंने कहा कि रात्रि गश्ती, पैदल गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही न हो, इसको सुदृढ़ करने को लेकर वरीय पुलिस पदाधिकारी गश्ती का औचक निरीक्षण करें। प्रति एक लाख की जनसंख्या पर कम-से-कम 150 की संख्या में पुलिस बल की तैनाती हो, इसको लेकर तेजी से काम करें। साथ ही पुलिस बल के ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस ने पूरी मुस्तैदी के साथ राज्य में सांप्रदायिक घटनाओं को नियंत्रित रखा है, आगे भी इसी तरह सक्रियता बनाए रखें।
लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं। लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाले अपराध में कमी आए। जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एसडीओ और एसडीपीओ तथा सप्ताह में एक दिन अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष की नियमित रुप से होनेवाली बैठकों में समस्याओं के त्वरित निष्पादन हेतु कार्य हो। उन्होंने कहा कि गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, सप्ताह में एक दिन आपस में बैठक करें ताकि समस्याओं का त्वरित निष्पादन हो सके।
शराब पीनेवालों को पकड़ने में कोताही न बरतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी पटना में शराबबंदी के क्रियान्वयन पर विशेष नजर रखें, गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करें। शराब पीनेवालों को पकड़ने में कोताही न बरतें। उनकी निशानदेही पर सप्लाई चेन को तोड़ा जाए। कोई कितना भी बड़ा आदमी हो, किसी भी दल का हो, किसी परिवार का हो, शराब पीते पकड़े जाने पर उन्हें छोड़े नहीं। कानून की नजर में सब बराबर हैं।
बैठक में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक विशेष शाखा सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था संजय सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आयुक्त मद्य निषेध एवं उत्पाद बी. कार्तिकेय धनजी, आईजी मद्य निषेध अमृत राज एवं विशेष सचिव गृह विकास वैभव उपस्थित थे।