बिहार में फरवरी से तेज होगा भूमि सर्वेक्षण का काम, मांगी जाएगी आपत्तियां, काम में जुटे 10 हज़ार से अधिक अधिकारी

पटना। बिहार में चल रहा जमीन सर्वेक्षण का काम अगले महीने में फिर रफ़्तार पकड़ेगा। यह बातें विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कही है। उन्होंने कहा है कि किस्तवार और खानापूर्ति की प्रक्रिया के साथ भूमि सर्वेक्षण फरवरी के अंत से गति पकड़ेगा। फिर मसौदा जारी करेंगे। जिसके बाद सर्वेक्षण प्रक्रियाओं के अनुसार आपत्ति दर्ज कि जा सकेगी। राज्य सरकार ने सितंबर में भूमि धारकों को जरूरी दस्तावेज जमा करने के लिए समय दिया था, क्योंकि लोगों से शिकायतें मिल रही थी कि उन्हें जमीन पर अपने दावे के समर्थन में जरूर दस्तावेज हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है चाहे वह जमाबंदी, स्वामित्व या फिर बंटवारे के कागज हों। राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि किस्तवार और खानापूर्ति की प्रक्रिया के साथ भूमि सर्वेक्षण फरवरी के अंत से गति पकड़ेगा। किस्तावर और खानापूर्ति की प्रक्रिया फरवरी के अंत से राज्य के सभी जिलों में शुरू होगी। उसके बाद, हम मसौदा पब्लिश करेंगे और सर्वेक्षण प्रक्रियाओं के अनुसार आपत्तियां और दावे मांगेंगे। सर्वेक्षण कार्य एक कार्यक्रम के अनुसार चल रहा था। सर्वेक्षण कार्य को पूरा करने में 10 हजार से ज्यादा सर्वेक्षण अधिकारी लगे हुए हैं। इधर, राज्य सरकार ने 2026 के मध्य तक भूमि सर्वेक्षण कार्य पूरा करने की एक नई समय सीमा निर्धारित की है। भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करने,अतिक्रमण की गई भूमि, खास तौर से सरकारी जमीन की पहचान करने के लिए 100 से ज्यादा वर्षों के बाद विशेष भूमि सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिसका उदेश्य राज्य में भूमि संबंधी विवादों, अपराध पर अंकुश लगाना और भूमि लेनदेन को पारदर्शी बनाना है।

You may have missed