गिरिराज की यात्रा पर लालू का हमला, बोले- हमारे रहते कोई दंगा फसाद नहीं करवा सकता, हम ये होने नहीं देंगे
पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट देखने को मिल रही है, जहां आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ पर तीखा हमला बोला है। यह यात्रा राज्य में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने का प्रयास मानी जा रही है, और लालू यादव ने इस मुद्दे पर सीधा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार को घेरा है। उनके मुताबिक, इस तरह की यात्राएं समाज में विभाजन की राजनीति को हवा देने का प्रयास हैं, लेकिन उनके रहते हुए यह कभी सफल नहीं हो सकेगा।
गिरिराज सिंह पर लालू का प्रहार
लालू यादव ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान तल्ख लहजे में कहा कि गिरिराज सिंह हमेशा हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई पैदा करने की कोशिश करते रहते हैं। यह उनकी आदत बन चुकी है कि वे विभाजनकारी बयान देते हैं, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार की जनता को इस तरह की नफरत की राजनीति में उलझाना असंभव है और उनके रहते किसी भी तरह का दंगा-फसाद नहीं हो सकता। लालू यादव के इस बयान के साथ ही उनकी पार्टी के नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी गिरिराज सिंह की ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ और उनके भड़काऊ बयानों पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने इस यात्रा को समाज में अशांति फैलाने का एक षड्यंत्र करार दिया और सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि यदि राज्य में किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक तनाव बढ़ता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी नीतीश कुमार की होगी।
नीतीश कुमार की जिम्मेदारी पर सवाल
लालू यादव ने भी तेजस्वी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है। अगर ऐसे भड़काऊ बयानों पर रोक नहीं लगाई गई, तो इसका सीधा असर राज्य की शांति और सामाजिक सौहार्द्र पर पड़ेगा। उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि गिरिराज सिंह जैसे नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उल्टा, उन्हें वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी जा रही है, जो यह बताता है कि सरकार की मंशा क्या है। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार और गिरिराज सिंह के शासन में कोई विशेष फर्क नहीं है। दोनों ही नेता सांप्रदायिक माहौल को भड़काने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही लालू ने आरोप लगाया कि राज्य में बीजेपी के अन्य नेता भी ऐसे बयान दे रहे हैं जो समाज में तनाव पैदा कर सकते हैं। विशेष रूप से उन्होंने अररिया के सांसद प्रदीप सिंह का जिक्र किया, जिन्होंने हाल ही में एक भड़काऊ बयान दिया था।
सांप्रदायिकता के खिलाफ लालू का संकल्प
लालू यादव ने बिहार की जनता को आश्वासन दिया कि जब तक वे राजनीति में हैं, राज्य को सांप्रदायिकता की आग में नहीं झोंकने देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की मिट्टी में सभी धर्मों और समुदायों की महक बसी है और इस राज्य की आजादी में हर व्यक्ति का योगदान है। कोई भी व्यक्ति जो सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश करेगा, उसे लालू यादव और उनकी पार्टी का कठोर विरोध झेलना पड़ेगा। उन्होंने इस दौरान स्पष्ट किया कि अगर कोई मुस्लिम समुदाय के खिलाफ गलत इरादे से काम करता है, तो वे उसे कड़ी चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, “जब तक मेरी सांस है, मैं हर उस व्यक्ति के सामने खड़ा रहूंगा जो इस राज्य को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का प्रयास करेगा।”
बिहार में राजनीतिक माहौल
बिहार में इस समय राजनीतिक माहौल काफी गरम हो गया है, जहां गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा को लेकर आरजेडी और एनडीए के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। जहां एनडीए इसे सांस्कृतिक और धार्मिक यात्रा के रूप में प्रचारित कर रही है, वहीं आरजेडी इसे सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का एक तरीका बता रही है। तेजस्वी और लालू यादव का यह आक्रामक रुख बताता है कि आगामी दिनों में राज्य की राजनीति में और भी तनाव देखने को मिल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस तरह की यात्राएं राज्य में ध्रुवीकरण की राजनीति को और तेज कर सकती हैं। ऐसे में लालू और तेजस्वी यादव का यह स्पष्ट संदेश है कि वे बिहार की जनता को विभाजनकारी राजनीति का शिकार नहीं होने देंगे। इस समय, बिहार की राजनीति एक संवेदनशील मोड़ पर है, और गिरिराज सिंह की यात्रा ने राज्य में राजनीतिक दलों के बीच एक नई बहस को जन्म दिया है।