सारण के लोगों की मांग पूरा करते हुए चुनाव प्रचार करने अपनी कर्मभूमि गए लालू यादव : तेजस्वी यादव
पटना। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने बुधवार को लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज किया। लालू यादव के साथ उनकी पत्नी पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी सारण के लिए रवाना हुए। दोनों सारण में रोहिणी आचार्य के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। ऐसे में लालू यादव ने सारण से संसदीय चुनाव का प्रचार करने का निर्णय क्यों लिया इसे लेकर अब तेजस्वी यादव ने सारी बातें साफ की हैं। तेजस्वी यादव ने पटना एयरपोर्ट पर इसे लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा, सारण लालू यादव की कर्मभूमि रही है। सारण के लोगों की मांग थी कि लालू यादव उनके बीच आए। तेजस्वी यादव ने कहा कि सारण के लालू यादव नेता रहे हैं। इसलिए वे वहां क्यों नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि लालू यादव महागठबंधन एक नेता हैं। जरूरत पड़ी तो वे उस अनुसार अन्य लोकसभा सीटों पर भी चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। दरअसल, लालू यादव ने पहले चरण के चुनाव में जमुई, नवादा, गया और औरंगाबाद में चुनाव प्रचार नहीं किया। चारों सीटों पर राजद प्रत्याशियों के लिए तेजस्वी यादव कई बार दौरा कर रहे हैं, लेकिन लालू यादव ने कहीं भी चुनाव प्रचार नहीं किया। अब वे पहली बार चुनाव प्रचार के लिए सारण के लिए निकले हैं। सारण में रोहिणी आचार्य का मुख्य मुकाबला भाजपा के राजीव प्रताप रुड़ी से है। रुड़ी यहां से लगातार दो चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में जीत का हैट्रिक लगाने के दावे कर रहे राजीव प्रताप रुड़ी को इस बार लालू यादव की बेटी से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है। राजद के लिए सारण इस बार प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है। यहां से लालू यादव की बेटी के चुनाव मैदान में होने से लालू यादव भी यहां अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। इसलिए अब खुद उन्होंने इस प्रतिष्ठा की लड़ाई वाली सीट पर बेटी की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्रचार की कमान संभाली है। वहीं भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा कथित रूप संविधान बदलने की बातें करने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि जो लोग संविधान को बदलेंगे वे खुद ही खत्म हो जाएंगे। एक दिन पहले लालू यादव ने भी संविधान बदलने का आरोप लगाते हुए भाजपा पर हमला किया था। इसे लेकर बाद में गया में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सफाई दी थी कि मोदी और भाजपा क्या खुद बाबा साहब अम्बेडकर भी संविधान नहीं बदल सकते हैं।