February 7, 2025

लालू की पीड़ा से ऊर्जावान हो रहे हैं तेजस्वी,यह चुनाव नहीं अग्निपरीक्षा है राजद के लिए….

पटना।(बन बिहारी )बिहार विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है।कल दूसरे चरण का मतदान होना है।राजद की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रिकॉर्ड तोड़ रैलियां कर रहे हैं।उन्होंने अपने ही पिता राजद अध्यक्ष लालू यादव की एक दिन में सर्वाधिक रैली वाले रिकॉर्ड को तोड़ दिया।चुनावी आपाधापी के बीच तेजस्वी यादव के धुआंधार रैलियों की चर्चा सर्वत्र है। तेजस्वी समर्थक विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से दिखा रहे हैं कैसे तेजस्वी यादव दौड़ दौड़ कर एक दिन में इतनी ज्यादा रैलियों को निपटा रहे हैं। दरअसल समझने वाले समझे या न समझे,मगर मनोविज्ञान यह दर्शाता है कि रांची के होटवार जेल में बंद अपने पिता राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की पीड़ा ही तेजस्वी यादव के अंदर नई ऊर्जा का संचार कर रही है।यह मनोवैज्ञानिक तौर पर समझने वाला तथ्य है कि शक्तिशाली पिता का पीड़ा उसके उत्तराधिकारी पुत्र की ऊर्जा में तब्दील हो जाती है।आज बिहार विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत दिग्गज भाजपाइयों एवं सीएम नीतीश कुमार तथा उनके पूरे कैबिनेट का मुकाबला कर रहे हैं।यहां उल्लेखनीय तथ्य है कि पिछले लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुके तेजस्वी यादव महज डेढ़ वर्षो के अंतराल में पुनः इतनी मजबूती के साथ राजद का सामना कर रहे हैं। राजनीतिक समीक्षक बताते हैं कि तेजस्वी यादव न सिर्फ राजग का सामना कर रहे हैं।बल्कि वे इस चुनाव में राजग को चुनाव परिणाम के पूर्व प्रचार युद्ध में पीछे खिसकने को मजबूर भी कर दिया है। ऐसे में सियासी गलियारों में प्रश्न उठता है कि तेजस्वी यादव लोकसभा में हुए करारी हार के बावजूद नई ऊर्जा से लबरेज होकर इतना मजबूत परफॉर्म कैसे कर रहे हैं। दरअसल तेजस्वी यादव के लिए यह सिर्फ चुनाव मात्र नहीं है।यह उनकी पार्टी राजद उनके पिता राजद अध्यक्ष लालू यादव तथा स्वयं उनके लिए अस्तित्व की लड़ाई है।वे समझते हैं कि अगर इस बार वे पिछड़ गए तो फिर ऐसा मौका शायद ही उन्हें दोबारा मिले।इसलिए रांची में सजायाफ्ता पिता की पीड़ा उनके अंदर ऊर्जा को जागृत कर रही है।हालांकि विपक्ष का आरोप हमेशा से रहता है कि होटवार जेल से राजद चलाया जा रहा है।मगर राजद,तेजस्वी यादव तथा उनके समर्थक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को अभी भी निर्दोष मानते हैं।बड़ी संख्या में उनके समर्थकों का मानना है कि विचारधारा विशेष का विरोध करने की सजा लालू यादव भुगत रहे हैं।उनके तर्क विचारणीय इसलिए हो रहे हैं क्योंकि राजद सुप्रीमो लालू यादव के सजायाफ्ता होने के बावजूद राजद का वोट बैंक दरक नहीं रहा है।राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह विधानसभा चुनाव राजद के लिए एक ‘अग्निपरीक्षा’ से कम नहीं है।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अपनी पार्टी की साख बचाने के लिए निरंतर मेहनत करना पड़ रहा है।तेजस्वी यादव के समक्ष फिलहाल चुनौतियां ‘सुरसा’ के समान मुख खोले खड़ी है।इसलिए इस चुनाव में राजद तथा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दोनों ही फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।

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