जन सुराज का पोस्टर से लालू परिवार पर हमला, लिखा- जो अपनी खुद की बहू का ना हुआ, वह बिहार का क्या होगा
पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लालू यादव के परिवार पर सीधा निशाना साधा है। पार्टी के ऐलान से पहले पटना में जन सुराज की ओर से लगाए गए पोस्टरों ने सियासी माहौल गर्मा दिया है। पटना के इनकम टैक्स गोलंबर पर लगाए गए इन पोस्टरों में लालू परिवार पर परिवारवाद और व्यक्तिगत रिश्तों को लेकर तंज कसा गया है। पोस्टर में लिखा गया है, “जो बहू का नहीं हुआ वह बिहार का क्या होगा, बिहार तो अब जन सुराज का होगा। जन सुराज के इस पोस्टर को पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता, अपर्णा यादव, ने लगवाया है। इसमें लालू परिवार की बहू के साथ संबंधों पर सवाल उठाया गया है, जो स्पष्ट रूप से लालू यादव के बेटे तेजप्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के रिश्तों से जुड़ा है। इससे यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि जो व्यक्ति अपने परिवार में रिश्ते नहीं संभाल सकता, वह राज्य की जिम्मेदारी कैसे संभालेगा। जन सुराज के इस पोस्टर वार के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस पर कड़ा पलटवार किया है। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जन सुराज के इस कदम को निंदनीय बताया। तिवारी ने कहा कि यह राजनीति का गिरा हुआ स्तर है, जिसमें किसी के परिवार के व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर सार्वजनिक रूप से चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक मुद्दों पर होनी चाहिए, न कि किसी के परिवार पर निजी आक्षेप लगाकर। मृत्युंजय तिवारी ने आगे कहा कि जनता इस तरह के राजनीतिक शोर को अच्छी तरह समझती है और समय आने पर इसका जवाब भी देगी। प्रशांत किशोर द्वारा 2 अक्टूबर को पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में जन सुराज पार्टी के गठन का ऐलान किया जाएगा। उनकी पार्टी को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा है, क्योंकि प्रशांत किशोर ने बिहार में कई बार पदयात्रा करके जनता से सीधा संपर्क बनाने की कोशिश की है। यह देखा जा रहा है कि वे आगामी चुनावों में बिहार की राजनीति को किस तरह प्रभावित करेंगे। आरजेडी के जवाबी हमले में इस बात पर भी जोर दिया गया कि राजनीति में परिवार की बहू-बेटी के निजी मामलों को लेकर सार्वजनिक टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने इसे एक अशोभनीय और गलत परंपरा करार दिया। इसके अलावा, उन्होंने जन सुराज को चुनौती दी कि जनता के बीच जाने पर उनकी असली ताकत का पता चलेगा। जन सुराज और आरजेडी के बीच यह पोस्टर वार चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल को गर्म करने का एक उदाहरण है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, जो परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक वैकल्पिक राजनीति का दावा करती है, इस तरह के पोस्टर से यह दिखाना चाहती है कि वह पारंपरिक राजनीति के खिलाफ है। हालांकि, आरजेडी ने इस पर कड़ा एतराज जताया और इसे राजनीति का अनैतिक कदम करार दिया। कुल मिलाकर, बिहार में अगले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जन सुराज के इस कदम ने जहां कुछ लोगों का ध्यान आकर्षित किया है, वहीं यह सवाल भी उठता है कि क्या निजी मामलों को राजनीति में शामिल करना सही है। जनता का फैसला ही इन प्रयासों की सफलता या असफलता का निर्धारण करेगा।