December 27, 2024

लाठीचार्ज मामले में लालू ने सरकार को घेरा, कहा- अभ्यर्थियों को पीटना बेहद गलत, चुनाव में जवाब मिलेगा

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के बाद राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है। बुधवार को पटना के गर्दनीबाग क्षेत्र में बीपीएससी 70वीं परीक्षा के अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भड़कने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने इस घटना की तीखी आलोचना करते हुए इसे अभ्यर्थियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। पटना के गर्दनीबाग में बीते 9 दिनों से बीपीएससी 70वीं परीक्षा के अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उनका आरोप है कि परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर बड़ी अनियमितता हुई। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रश्न पत्र देरी से मिला और वह भी सील टूटा हुआ था। इस घटना के बाद छात्रों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए परीक्षा केंद्र पर जमकर हंगामा किया। बढ़ते विवाद के बीच बीपीएससी ने बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा को रद्द कर दिया और घोषणा की कि इस केंद्र के 12,000 अभ्यर्थियों की परीक्षा 4 जनवरी को दोबारा आयोजित की जाएगी। लेकिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा को पूरी तरह रद्द कर राज्यभर में नई परीक्षा कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखा। बुधवार को अभ्यर्थियों ने बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस घटना में कई छात्र घायल हुए, जिससे छात्रों में रोष और बढ़ गया। लाठीचार्ज की घटना के बाद लालू यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इसे अभ्यर्थियों के साथ अन्याय बताया और कहा कि सरकार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करना चाहिए। लालू यादव ने कहा, “छात्रों पर लाठी चलाना पूरी तरह गलत है। उन्हें अपनी समस्याएं रखने और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का हक है। सरकार का यह रवैया बेहद निंदनीय है और इसका जवाब उसे चुनाव में जरूर मिलेगा। लालू यादव ने नीतीश सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि छात्रों के मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाएं राज्य के युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ा सकती हैं। राजद प्रमुख ने कहा कि छात्रों की मांगें जायज हैं और उन्हें दबाने के बजाय सरकार को संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए। लालू यादव के बेटे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस घटना पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लगातार इस मामले को उठाते हुए छात्रों के साथ सहानुभूति दिखाई और सरकार के रवैये की आलोचना की। तेजस्वी ने यह भी कहा कि अभ्यर्थियों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। इस घटना के बाद बिहार की सियासत गर्मा गई है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोल दिया है। राजद, कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने छात्रों के साथ एकजुटता दिखाते हुए सरकार के इस रवैये की निंदा की है। विपक्ष का कहना है कि युवाओं को लाठीचार्ज के जरिए दबाना सरकार की विफलता को दर्शाता है। अभ्यर्थी बीपीएससी 70वीं परीक्षा को पूरी तरह रद्द कर नई परीक्षा कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करना आयोग की जिम्मेदारी है। वहीं, सरकार और बीपीएससी ने केवल बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया है। पुलिस प्रशासन ने लाठीचार्ज के मामले पर सफाई देते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कानून-व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश की थी, जिसके कारण यह कदम उठाना पड़ा। हालांकि, इस सफाई से छात्रों और विपक्षी दलों का आक्रोश शांत नहीं हुआ है। पटना में बीपीएससी परीक्षा को लेकर हुए विवाद और लाठीचार्ज की घटना ने एक बार फिर बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। इस घटना ने राज्य के युवाओं में नाराजगी पैदा की है, जो भविष्य में सरकार के लिए राजनीतिक नुकसानदेह साबित हो सकती है। लालू यादव और तेजस्वी यादव जैसे बड़े नेताओं का इस मुद्दे पर सरकार को घेरना यह दर्शाता है कि यह मामला केवल छात्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्य की राजनीति में लंबे समय तक गूंजेगा। सरकार को चाहिए कि वह छात्रों की मांगों पर गंभीरता से विचार करे और समस्या का समाधान संवाद के माध्यम से निकाले, ताकि राज्य में शांति और विश्वास बहाल हो सके।

 

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed