December 25, 2024

लालगंज में ‘हाई टेंपरेचर’,बाहुबली पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला उतरे मैदान में,तीन बार हरा चुके हैं राजकुमार साह को

पटना।आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वैशाली के लालगंज विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तापमान बढ़ गया है। लालगंज के पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला ने विगत माह से ही ‘मुन्ना शुक्ला आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत अपना जनसंपर्क अभियान आरंभ कर दिया है।कहा जाता है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला अभी से ही अपने पक्ष में माहौल तैयार करने में लग गए हैं।मुन्ना शुक्ला लगातार तीन बार लालगंज से विधायक रह चुके हैं तथा 2010 में उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला इस क्षेत्र से विधायक की चुनाव जीतने में सफल रहीं थीं। 2015 के चुनाव में महागठबंधन के तरफ से उम्मीदवार के रूप में उतरे मुन्ना शुक्ला लोजपा के राजकुमार साह के हाथों पराजित हो गए थे।विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनजर पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला पूरे दमखम के साथ लालगंज में उतर गए हैं।वैसे भी विगत 5 वर्षों से चुनाव हारने के बावजूद मुन्ना शुक्ला लालगंज के लोगों की प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष सहयोग में जुड़े रहे हैं।विगत सप्ताह से लालगंज में बाहुबली पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की राजनीतिक सरगर्मियां काफी बढ़ गई है।जिसे देखकर यह कयास लगाया जा रहा है कि मुन्ना शुक्ला इस चुनाव में जदयू के टिकट पर उतरने वाले हैं।हालांकि लालगंज विधानसभा क्षेत्र से अभी लोजपा के राजकुमार साह विधायक हैं।मगर मुन्ना शुक्ला के समर्थक अभी से ही मुन्ना शुक्ला को लालगंज से जदयू उम्मीदवार मान कर चल रहे है।इस बाबत पूर्व विधायक के समर्थकों ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार को लालगंज सीट चाहिए।तो इस बार टिकट मुन्ना शुक्ला को पुनः देना ही पड़ेगा।उल्लेखनीय है कि मुन्ना शुक्ला सबसे पहले वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय 82406 वोट लाकर तब भी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी वर्तमान विधायक तथा तत्कालीन राजद प्रत्याशी राजकुमार शाह को 52705 मतों से करारी शिकस्त दी थी।2005 के फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में मुन्ना शुक्ला ने बतौर लोजपा उम्मीदवार राजद की ओर से चुनाव मैदान में उतरी वैशाली की वर्तमान सांसद तथा तत्कालीन राजद प्रत्याशी वीणा देवी को पराजित किया था। 2005 के अक्टूबर में हुए चुनाव में मुन्ना शुक्ला ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़कर दोबारा राजकुमार साह राजद प्रत्याशी को चुनाव हराकर अपने जीत बरकरार रखने में कामयाब रहे।2010 के विधानसभा चुनाव में जब मुन्ना शुक्ला बिहारी प्रसाद हत्याकांड में सजायाफ्ता होकर जेल में थे।तब उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला ने मोर्चा संभाला तथा जदयू के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं। उस चुनाव में बतौर जदयू प्रत्याशी अन्नू शुक्ला ने राजद के राजकुमार साह को करीब 15000 मतों से पराजित किया।बाद में डीएम कृष्णैया हत्याकांड तथा पूर्व मंत्री बृज बिहारी हत्याकांड से सुप्रीम कोर्ट ने जब पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को रिहा कर दिया।तब पुनः मुन्ना शुक्ला 2015 के चुनावी दंगल में महागठबंधन जदयू-राजद- कांग्रेस की ओर मैदान में उतरे। मगर उस चुनाव में भाजपा गठबंधन वाले लोजपा प्रत्याशी राजकुमार साह से करीब 18000 मतों से चुनाव हार गए।मगर इस बार मुन्ना शुक्ला ने पुनः कमर कस के लालगंज के चुनावी अखाड़े में अपना दमखम दिखाना आरंभ कर दिया है। पिछले माह से ही ‘मुन्ना शुक्ला आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत पूर्व विधायक लालगंज विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांव में दस्तक दे रहे हैं।15 वर्षों के कार्यकाल का हिसाब भी जनता के बीच रख रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार लालगंज की जनता भी बदलाव के मूड में है।क्योंकि लालगंज के कई लोगों ने अपनी राय जाहिर करते हुए बताया कि वर्तमान लोजपा विधायक राजकुमार साह जीतने के बाद से क्षेत्र से नदारद रहे हैं।जिस कारण क्षेत्र के विकास योजनाओं के साथ-साथ आम जनता के कष्टों का निवारण भी लंबित रहा है।हालांकि राजकुमार साह अगर लोजपा के टिकट पर राजग की ओर से उतरते हैं,तो टक्कर में रहेंगे।मगर लालगंज के राजनीतिक समीकरण को देखते हुए ऐसा लगता नहीं है कि जदयू इस सीट से अपनी दावेदारी छोड़ेगी।बहरहाल पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला अपने आप को जदयू के सुनिश्चित उम्मीदवार मानकर क्षेत्र में अपनी सक्रियता को बढ़ाकर लालगंज की राजनीति में खलबली मचा रखी है।

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