उत्तराखंड के चमोली से निकाले गए 50 मजदूर, चार की मौत, कई की तबीयत खराब, एक की तलाश जारी

चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव के पास 28 फरवरी की सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। बर्फीले पहाड़ का एक हिस्सा अचानक खिसक गया, जिससे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के मजदूर इसकी चपेट में आ गए। यह घटना सुबह करीब 7:15 बजे घटी, जब 55 मजदूर कंटेनर हाउस में ठहरे हुए थे। इस त्रासदी में अब तक 4 मजदूरों की मौत हो चुकी है, जबकि कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन और बचाव कार्य
घटना के बाद से ही राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया गया। शुक्रवार को 33 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था, जबकि शनिवार को 17 और मजदूरों को रेस्क्यू किया गया। हालांकि, एक मजदूर अभी भी लापता है, जिसकी तलाश जारी है। बचाए गए मजदूरों में से कुछ को जोशीमठ के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल मजदूरों को ऋषिकेश के एम्स में इलाज के लिए भेजा गया है।
मजदूरों का विवरण
फंसे हुए मजदूर विभिन्न राज्यों से ताल्लुक रखते थे। इनमें बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 11-11 मजदूर थे, जबकि हिमाचल प्रदेश से 7, जम्मू-कश्मीर से 1 और पंजाब से 1 मजदूर शामिल थे। अभी भी 13 मजदूरों का पता और मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं है, जिससे उनके बारे में जानकारी जुटाने में कठिनाई हो रही है।
सीएम और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया और मजदूरों से मुलाकात की। उन्होंने एसडीआरएफ के अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत कार्यों की समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत कर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया और उत्तराखंड के सीएम, सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के अधिकारियों से बात कर राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए।
घायलों की स्थिति
रेस्क्यू किए गए मजदूरों को पहले आईटीबीपी कैंप लाया गया, जहां उनकी प्रारंभिक जांच की गई। रिपोर्ट के अनुसार, 4 मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है। चिकित्सकों की टीम लगातार उनके इलाज में जुटी हुई है। यह हादसा उत्तराखंड में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं की एक और कड़ी है, जो पहाड़ी इलाकों में रहने और काम करने वाले लोगों के लिए खतरा बनी रहती है। सरकार और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों को पूरी गंभीरता से अंजाम दे रहे हैं। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन एक लापता मजदूर की तलाश जारी है। इस त्रासदी ने फिर से पहाड़ी क्षेत्रों में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
