उपेंद्र कुशवाहा ने अरवल से की पांच दिवसीय यात्रा की शुरुआत, शाहाबाद जीतने की तैयारी, पांच जिलों का करेंगे भ्रमण
पटना। उपेंद्र कुशवाहा ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए बुधवार को अपनी बिहार यात्रा की शुरुआत की है। उनकी यात्रा का पहला चरण शाहाबाद क्षेत्र में होगा, जिसमें भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर और अरवल जिले शामिल हैं। इस यात्रा का उद्देश्य एनडीए को इस क्षेत्र में फिर से मजबूत करना है, जहां हाल के चुनावों में महागठबंधन की पकड़ काफी मजबूत हो गई थी। शाहाबाद क्षेत्र की 22 विधानसभा सीटों पर अब एनडीए के लिए पुनः जीत हासिल करना कुशवाहा के लिए एक बड़ी चुनौती है, खासकर जब 2020 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए का प्रदर्शन कमजोर रहा है। कुशवाहा ने अपनी यात्रा की शुरुआत अरवल जिले के कुर्था से की, जहां वे कुशवाहा समाज के प्रमुख नेता जगदेव प्रसाद के शहादत स्थल पर माल्यार्पण करेंगे। इस यात्रा के दौरान, कुशवाहा 5 जिलों का दौरा करेंगे और जनता से सीधे संवाद करेंगे। उनके इस कदम का मुख्य उद्देश्य एनडीए को शाहाबाद क्षेत्र में फिर से मजबूत करना है, जहां से एनडीए लगभग समाप्त हो चुका है। खासकर 2024 लोकसभा चुनावों में खुद उपेंद्र कुशवाहा काराकाट से हार गए थे, और भाजपा के दिग्गज नेता भी इस क्षेत्र में पराजित हुए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि एनडीए की हार का एक बड़ा कारण उपेंद्र कुशवाहा का महागठबंधन में शामिल होना था। महागठबंधन के दो कुशवाहा उम्मीदवारों ने इस क्षेत्र से लोकसभा में जीत दर्ज की थी, जिससे इस क्षेत्र में महागठबंधन की पकड़ मजबूत हो गई। महागठबंधन अब इस स्थिति को बरकरार रखना चाहता है, और तेजस्वी यादव ने ‘यादव-कुशवाहा भाई-भाई’ का नारा देकर इस रणनीति को और मजबूती दी है। हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने पहले भी ‘विरासत बचाओ यात्रा’ के माध्यम से जनता से संवाद किया था, लेकिन उस समय चुनाव परिणामों में इसका प्रभाव कम दिखाई दिया। इस बार, उनकी 5 दिवसीय यात्रा का मुख्य उद्देश्य संगठन को मजबूत करना और एनडीए के पक्ष में माहौल तैयार करना है।