फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने में कृषि यंत्रों ने लायी नई क्रांति : अमरेंद्र प्रताप
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- कृषि मंत्री ने स्वरोजगार सृजन हेतु कृषि यंत्रों की मरम्मति के लिए आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया उद्घाटन
फुलवारीशरीफ। बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा सोमवार को कृषि यांत्रिकीकरण राज्य योजना के अंतर्गत स्वरोजगार सृजन के लिए कृषि यंत्रों की मरम्मति करने हेतु आवासीय प्रशिक्षण योजना 2021-22 का उद्घाटन कृषि अभियंत्रण कर्मशाला, मीठापुर कृषि फार्म में किया गया।
इस अवसर मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने में कृषि यंत्रों की महती भूमिका है। बिहार में किसानों द्वारा बड़ी संख्या में उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग खेती करने के लिए किया जाता है। परन्तु, सुदूर क्षेत्रों में कृषि यंत्रों की मरम्मति एवं उचित रखरखाव करने हेतु तकनीकी रूप से दक्ष मरम्मतिकर्त्ताओं की कमी रहने के कारण किसानों के कतिपय यंत्र अनुपयोगी हो जाते हैं। इस समस्या के निदान हेतु राज्य सरकार द्वारा कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना के अन्तर्गत स्वरोजगार सृजन करने हेतु कृषि यंत्रों के मरम्मति के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रारंभ जा रही है।
उन्होंने कहा कि कृषि यांत्रिकरण राज्य योजनान्तर्गत स्वरोजगार हेतु कृषि यंत्रों की मरम्मति के लिए श्रमिकों के कौशल विकास करने हेतु कुल 02 करोड़ 32 लाख 83 हजार 477 रुपए की लागत से प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि कृषि यंत्रों की मरम्मति के लिए वैसे श्रमिकों, जो पूर्व से कृषि यंत्र मरम्मति कार्य में संलग्न या अर्द्धकुषल मरम्मतिकर्त्ता हैं, के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से अर्द्धकुशल-कुशल श्रमिक आत्मनिर्भर हो सकेंगे तथा कृषकों के कृषि यंत्रों की ससमय मरम्मति हो सकेगी, जिससे किसानों को कृषि कार्य करने में काफी सहूलियत होगी।
श्री सिंह ने कहा कि पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर राज्य के समस्तीपुर, भागलपुर एवं पटना जिलों से इच्छुक व्यक्तियों को कृषि यंत्रों के मरम्मति हेतु कौशल विकास के लिए 26 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस प्रशिक्षण में राज्य में उपयोग होने वाले कृषि यंत्रों की मरम्मति एवं रख-रखाव के संबंध में सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आॅनलाईन आवेदन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग्य आवेदक का चयन संबंधित जिला कृषि पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति करेगी, जिसके सदस्य उस जिला के परियोजना निदेशक (आत्मा) एवं सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) हैं। कृषि यंत्रों की मरम्मति के लिए प्रशिक्षण 25 प्रशिक्षुओं के बैच में दिया जायेगा। 27 बैच में कुल 675 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एग्रीकल्चर स्किल कॉन्सिल आॅफ इंडिया द्वारा 205 घंटे के निर्धारित पाठ्यक्रम के आलोक में वर्णित पाठ्यक्रम को इस प्रशिक्षण हेतु लागू किया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य में अवस्थित दोनों कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि अभियंत्रण, कर्मशाला, मीठापुर, पटना में संचालित किये जायेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकार द्वारा नि:शुल्क कराया जायेगा। प्रशिक्षुओं के आवासन एवं भोजन आदि की व्यवस्था कृषि विभाग द्वारा की जायेगी। प्रत्येक प्रशिक्षु को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने पर नि:शुल्क 4 हजार 200 रुपए का टूल किट भी दिया जायेगा।
वहीं कृषि निदेशक आदेश तितरमारे द्वारा इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर कृषि मंत्री के आप्त सचिव अनिल कुमार, अपर निदेशक (शष्य) धनन्जयपति त्रिपाठी, निदेशक, पीपीएम अशोक प्रसाद, कृषि यांत्रिकरण योजना के नोडल पदाधिकारी ई. जय प्रकाश नारायण, पटना प्रमंडल के संयुक्त निदेशक सर्वजीत कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, पटना, विभू विद्यार्थी, उप निदेशक (शष्य), सूचना राजेन्द्र कुमार वर्मा सहित विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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