December 22, 2024

राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का केके पाठक ने रोका वेतन, अकाउंट किया फ्रिज

  • बैठक में शामिल नहीं हुए थे वीसी: संस्कृत विश्वविद्यालय को छोड़कर सभी पर हुई कार्रवाई, एफआईआर की हो रही तैयारी

पटना। बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति के खिलाफ शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। बिहार के सभी कुलपतियों का वेतन रोक दिया गया है। संस्कृत विश्वविद्यालय के कुल सचिव को छोड़कर सभी कुल सचिवों का भी वेतन रोका गया है। मगध विश्वविद्यालय और संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को छोड़कर सभी विश्वविद्यालय के एग्जाम कंट्रोलर का वेतन रोका गया है। यहीं नहीं, केके पाठक ने पूछा है कि आप पर एफआईआर क्यों नहीं किया जाए। शिक्षा सचिव वैधनाथ यादव ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति और कुल सचिव को पत्र लिखा है।
बुधवार को बैठक में शामिल नहीं हुए वीसी
विश्वविद्यालय की लंबित परीक्षा की समीक्षा को लेकर मीटिंग बुलाई गई थी। राजभवन ने कुलपतियों को शिक्षा विभाग की बैठक में जाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद के के पाठक ने बैठक बुलाई थी। अध्यक्षता केके पाठक ही करने वाले थे, लेकिन बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति इसमें शामिल नहीं हुए। राजभवन की रोक के कारण कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के कुल सचिव व परीक्षा नियंत्रक तथा मगध विवि के परीक्षा नियंत्रक को छोड़कर सभी ने आने से परहेज किया था।
राजभवन की ओर से मना किया गया था
मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी, पूर्णियां, वीर कुंवर सिंह और तिलका मांझी भागलपुर विवि के कुलपतियों ने एक दिन पहले ही शिक्षा विभाग को बता दिया था कि राजभवन से अनुमति नहीं मिलने के कारण वे बैठक में नहीं आ पाएंगे। यहां बता दें कि कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों को बुलाने को लेकर शिक्षा विभाग और उन्हें न आने को लेकर लेटर वार के अलावा अनौपचारिक रूप से भी पूरी ताकत झोंक दी गई थी।
तीन विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि पहुंचे थे
कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय के कुलपति की जगह कुल सचिव और परीक्षा नियंत्रक पहुंचे थे। मगध विश्वविद्यालय से केवल परीक्षा नियंत्रक ही पहुंचे थे। विश्वविद्यालयों के केवल तीन प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा विभाग के आधा दर्जन से अधिक अफसरों ने बैठक की है। नाम मात्र के लिए हुई इस मीटिंग की अध्यक्षता उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने की। इस दौरान डिप्टी डायरेक्टर दीपक कुमार और उनके कुछ सहयोगी मौजूद थे।
विधान परिषद में उठा वेतन रोकने का मामला
शिक्षा विभाग द्वारा बुलाई गई कुलपतियों की बैठक और स्कूल की टाइमिंग का मामला आज विधान परिषद में उठा। एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने कहा कि कुलपतियों की बैठक में जो लोग अनुपस्थित थे, उनका वेतन शिक्षा विभाग ने रोक दिया है। यह सदन की अवमानना है। इस बात के समर्थन में सत्ता के साथ ही विपक्ष के कई एमएलसी खड़े हो गए। बीजेपी एमएलसी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि राज्य के राज्यपाल की बात भी नहीं चल रही है, यह अजीब स्थिति है। सीपीआई एमएलसी संजय कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग के ऐसे पदाधिकारी पर विशेषाधिकार हनन का मामला चलाए जाने की मांग की। बीजेपी एमएलसी नवल किशोर चौधरी ने कहा कि सदन से बड़ा कोई अफसर बिहार में नहीं हो सकता। यह सदन का अपमान है। यह अपमान लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। परिषद में एक सुर से कई एमएलसी ने केके पाठक का विरोध किया। कुछ एमएलसी ने हिटलर तक कहा।
परीक्षा की गड़बडिय़ों को लेकर रडार पर कई विश्वविद्यालय
बाद में जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सदन में जो मुख्यमंत्री ने कहा है, आखिरकार वही लागू होगा। परीक्षा समीक्षा की बैठक में बुलावे की कुलपतियों की नाफरमानी को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है। विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को सबक सिखाने को लेकर शाम तक अधिकारी मंथन करते रहे। आखिरकार बिहार कंडक्ट ऑफ एग्जामिनेशन एक्ट. 1981 के तहत राज्य सरकार के अधिकार के उपयोग को आधार बनाने की रणनीति बनाई गई। परीक्षा की गड़बडिय़ों को लेकर विश्वविद्यालयों को रडार पर लेने की चर्चा है।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed