प्रशांत किशोर का विरोधियों पर हमला, कहा- विधानसभा में गठबंधन का सवाल ही नहीं, कोई मुझे खरीद नहीं सकता
पटना। चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने विधानसभा चुनाव में गठबंधन करने के सवाल पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को एक बयान में प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी में इतनी ताकत नहीं है कि वे उन्हें पैसे का लालच देकर खरीद सकें। उन्होंने 2025 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद को लेकर भी अपने रुख को साफ कर दिया। प्रशांत किशोर ने एक जनसभा के दौरान कहा कि कई लोग सवाल उठाते हैं कि वे इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं जबकि वे वोट मांग नहीं रहे हैं और जनता से कुछ ले भी नहीं रहे हैं। कुछ लोग कहते हैं कि वे बिहार के मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते हैं, इसलिए इतनी मेहनत कर रहे हैं। ऐसे लोगों को प्रशांत किशोर ने जवाब देते हुए कहा कि वे इतना छोटा सपना लेकर पैदा नहीं हुए हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका सपना है कि अपने जीवनकाल में बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में देखें। वे देखना चाहते हैं कि गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु और पंजाब जैसे राज्यों से लोग बिहार में आकर रोजी-रोजगार करें। उन्होंने कहा कि वे मानेंगे कि बिहार में विकास हो रहा है जब लोग बिहार में आकर काम करेंगे, न कि बिहार के लोग मजदूर बनकर बाहर जाएंगे। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार के लोग मजदूर बनने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। वे मजदूर के सप्लायर नहीं बन सकते हैं। आज देश में जहां भी मजदूरों की जरूरत होती है, लोग कहते हैं कि बिहार से मजदूर पकड़कर ले आओ। लेकिन बिहार के लोग जो फैक्ट्री में काम कर सकते हैं, वे फैक्ट्री लगवा भी सकते हैं। लोगों को आश्वस्त करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उन पर भरोसा रखिए, कोई पार्टी, कोई धर्म-जाति के लोग उन्हें खरीद नहीं सकते, चाहे वे कितना भी पैसा वाला क्यों न हो। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई डरा नहीं सकता और वे डरने वालों में से नहीं हैं। देश में कोई माई का लाल नहीं है जो उन्हें खरीद सकता है। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वे बिहार को सुधारे बिना नहीं मानेंगे। उनका लक्ष्य है कि बिहार एक विकसित राज्य बने और यहां के लोग मजदूर नहीं बल्कि उद्योगपति और उद्यमी बनें। उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि बिहार में भी वही विकास हो, जैसा देश के अन्य विकसित राज्यों में हो रहा है। इस प्रकार, प्रशांत किशोर ने अपने बयान से यह साफ कर दिया कि वे किसी भी प्रकार के गठबंधन या समझौते के लिए तैयार नहीं हैं और उनका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ बिहार का विकास है। उनका कहना है कि वे किसी भी कीमत पर अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे और बिहार को विकसित राज्य बनाने के अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे।