पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 10 साल की सज़ा, सिफर मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के संस्थापक इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी को सिफर मामले में 10 साल की जेल की सजा दी गई है। इमरान खान की पार्टी की ओर से बताया गया है कि पाकिस्तान की अदालत ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गोपनीयता उल्लंघन मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। पिछले साल अक्टूबर के महीने में पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने सिफर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दोषी ठहराया था। 70 साल की उम्र को पार कर चुके इमरान खान पर वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) को लीक करने के मामले में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद अगस्त 2023 में पूर्व पीएम इमरान को गिरफ्तार किया गया था। यहां चर्चा कर दें कि सिफर या डिप्लोमैटिक केबल वह संवाद होता है जो विदेशी मिशन की ओर से अपने देश को भेजने का काम किया जाता है। इसमें सभी तरह के बातचीत की जानकारी होती है, जिसको डिकोड किया जाता है और उसको पढ़ा जाता है। सिफर मामले की बात करें तो यह पहली बार 27 मार्च, 2022 को सामने आया था। अप्रैल, 2022 में इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के बाद उन्होंने एक सार्वजनिक रैली में कई आरोप लगाए थे। पूर्व पीएम ने भीड़ के सामने एक पत्र को लहराया था और दावा किया था कि विदेशी ताकतों ने उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश को अंजाम दिया था। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने साजिश रची और पीटीआई सरकार को उखाड़ फेंका। पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। उससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वापस स्वदेश लौट आए हैं। उन्होंने साल 2019 में पाकिस्तान छोड़ दिया था और ब्रिटेन में जाकर रहने लगे थे। हाल ही में हाई कोर्ट ने नवाज को जमानत पर छूट दी थी, जिसके बाद उन्होंने वापसी की। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को गोपनीय सूचना लीक करने के मामले 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। दोनों को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गठित की गई विशेष अदालत ने गोपनीय सूचना लीक करने का दोषी पाया। इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। जेल से ही इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी अदालत की सुनवाई में वर्चुअली शामिल हुए। इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। पीटीआई ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी कानूनी टीम इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देगी। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस मामले की सुनवाई के दौरान मीडिया या आम जनता को शामिल नहीं होने दिया गया और जल्दबाजी में फैसला सुनाया गया है। अप्रैल 2022 में इमरान खान की सरकार को अविश्वास मत के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद से उनके खिलाफ अब तक 150 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं। इमरान खान को उनके खिलाफ चल रहे दूसरे मामले में दोषी ठहराया गया है। इससे पहले तोशाखाना मामले में भी इमरान खान को बीती 5 अगस्त को दोषी ठहराया गया था। तोशाखाना मामले में इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी।