November 23, 2024

भारत में करवा चौथ आज, बन रहा महासंयोग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

धर्म-आध्यात्म। अखंड सुहाग की कामना के लिए सौभाग्यवती महिलाएं कार्तिक कृष्ण चतुर्थी रविवार 24 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत करेंगी। इस व्रत को करने से पति-पत्नी के बीच अपार प्रेम, त्याग में वृद्धि होती है। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रह कर संध्या काल में देवी-देवताओं में भोलेनाथ, मां पार्वती, गणेश, कार्तिकेय के साथ नंदी व करवा माता की पूजा के बाद चंद्रमा से अपने अखंड सुहाग के लिए आशीष मांगेंगी। साथ ही अपने पति के उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और जन्म-जन्मांतर तक पुनः पति रूप में प्राप्त करने के लिए मंगल कामना करेंगी।

प्रेम, त्याग व विश्वास के इस पर्व में मिट्टी के करवे से रात्रि बेला में चंद्रदेव का दर्शन व जलार्पण कर व्रत को पूरा करेंगी। भारतीय ज्योतिष आचार्य राकेश झा के अनुसार, इस बार करवा चौथ पर एक साथ पांच राजयोग का शुभकारी संयोग बन रहा है। शशमहापुरुष योग, उभयचरी योग, शंख योग, शुभकर्तरी योग, विमल योग नामक पांच राजयोग का महासंयोग होने से इस पर्व की महत्ता बढ़ गयी है। इन पांचों राजयोगों के होने से सुहागिनों के अखंड सौभाग्य में वृद्धि और सर्व मनोकामना पूर्ण का वर प्राप्त होगा।

दिन भर उपवास रहने के बाद व्रत करने वाली महिलाएं सायंकाल में भगवान भोलेनाथ, गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय एवं चंद्रमा की पूजा करने के बाद चंद्र को चलनी से देखकर उन्हें जलार्घ्य देंगी। फिर चांद को अर्घ्य प्रदान करेंगी। अर्घ्य में दूध, शहद, मिश्री और नारियल प्रदान किया जाएगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार व्रती चलनी से चंद्र दर्शन के बाद अपने पति को उसी चलनी से देखेंगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चलनी से पति को देखने से पत्नी के व्यवहार और विचार दोनों छन कर शुद्ध व पवित्र हो जाते हैं। पति के लिए किए जाने वाले इस व्रत के बारे में संत कवि तुलसीदास ने रामचरित मानस में भी वर्णन किया है। चलनी से छन कर व्यवहार व विचार शुद्ध होते हैं

पूजा का शुभ मुहूर्त : चंद्रोदय अर्घ्य रात्रि 08.06 बजे के बाद

प्रदोष काल : संध्या 5.36 बजे से 7.06 बजे तक

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed