कल से पटना में पदयात्रा शुरू करेंगे कन्हैया कुमार, 11 को करेंगे सीएम आवास का घेराव

पटना। बिहार में बेरोजगारी और पलायन जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की अगुवाई में “पलायन रोको, नौकरी दो” यात्रा अब पटना में प्रवेश कर चुकी है। इस अभियान के जरिए राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताया जा रहा है।
बाढ़ से पटना की ओर बढ़ता काफिला
मंगलवार को यह यात्रा बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में पहुंची, हालांकि इस दिन कन्हैया कुमार खुद मौजूद नहीं थे। उनके समर्थक और कार्यकर्ता लगातार पदयात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। अब यात्रा पटना शहर की ओर तेज़ी से बढ़ रही है।
10 अप्रैल से पटना सिटी से होगी शुरुआत
यात्रा की औपचारिक शुरुआत 10 अप्रैल को पटना सिटी के प्रसिद्ध गुरुद्वारा से होगी। सुबह 8:30 बजे झंडोत्तोलन के बाद 10 बजे पदयात्रा प्रारंभ होगी। यह यात्रा झाऊगंज, हाजीगंज, मारूफगंज, मालसलामी, मंडी रोड, सिमली होते हुए गुरु का बाग पहुंचेगी। गुरु का बाग स्थित कमेटी हॉल में थोड़े समय के लिए विश्राम लिया जाएगा।
दिनभर रहेगा यात्रा का सफर
शाम को यात्रा फिर से शुरू होगी। 4:30 बजे पेट्रोल पंप (पत्थर की मस्जिद के पास) से यह दोबारा निकलेगी और 5 बजे दरगाह रोड चौराहा पर नुक्कड़ सभा होगी। इसके बाद मुसल्लहपुर हाट में टी ब्रेक का कार्यक्रम है। अंततः यह यात्रा भीखना पहाड़ी और रमना रोड होते हुए पटना यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार तक पहुंचेगी।
यात्रा का समापन और सीएम आवास का घेराव
11 अप्रैल को यात्रा का अंतिम दिन होगा। इस दिन कन्हैया कुमार और कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। यह यात्रा का अंतिम चरण होगा। बताया जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन में लगभग 5 हजार कांग्रेस कार्यकर्ता भाग लेंगे।
राजधानी में सबसे बड़ा प्रदर्शन
कांग्रेस पार्टी इस घेराव को राजधानी पटना में पिछले पांच वर्षों का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन मानकर चल रही है। सभी कार्यकर्ताओं को 10 अप्रैल की रात सदाकत आश्रम में ठहराया जाएगा, जहां बेस कैंप की व्यवस्था की गई है।
सचिन पायलट की संभावित उपस्थिति
सूत्रों के अनुसार, इस पदयात्रा और घेराव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के विधायक सचिन पायलट भी शामिल हो सकते हैं। उनकी उपस्थिति से कांग्रेस को अतिरिक्त राजनीतिक बल मिलने की उम्मीद की जा रही है। कन्हैया कुमार की यह पदयात्रा न सिर्फ युवाओं की बेरोजगारी और राज्य में हो रहे पलायन की ओर ध्यान आकर्षित कर रही है, बल्कि राज्य सरकार पर विपक्ष का दबाव भी बढ़ा रही है। अब देखना होगा कि 11 अप्रैल को होने वाला यह घेराव क्या असर छोड़ता है।
