एडिलेड टेस्ट से ऑस्ट्रेलिया के स्टार गेंदबाज जोश हेजलवुड बाहर, चोट के कारण नहीं खेलेंगे मैच
नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बहुप्रतीक्षित टेस्ट सीरीज में दूसरा मैच 6 दिसंबर से एडिलेड में खेला जाएगा। यह मुकाबला गुलाबी गेंद से खेला जाने वाला एक दिन-रात्रि का टेस्ट है। पर्थ में पहला टेस्ट हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम पर वापसी का दबाव है, लेकिन उनके स्टार तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड की चोट ने टीम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने पुष्टि की है कि जोश हेजलवुड बाएं हिस्से में लगी हल्की चोट के कारण एडिलेड टेस्ट से बाहर हो गए हैं। हेजलवुड पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के सबसे प्रभावी गेंदबाज थे। भारत की पहली पारी में उन्होंने 29 रन देकर 4 विकेट लिए थे और अपनी किफायती गेंदबाजी से विपक्षी बल्लेबाजों को खासा परेशान किया। पहली पारी में 4 विकेट चटकाने के बाद हेजलवुड ने दूसरी पारी में 21 ओवर में केवल 28 रन देकर 1 विकेट हासिल किया। उनकी इस धारदार गेंदबाजी के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को हार का सामना करना पड़ा। एडिलेड की पिच और गुलाबी गेंद तेज गेंदबाजों को अतिरिक्त स्विंग और उछाल प्रदान करती है। इस पिच पर हेजलवुड का रिकॉर्ड शानदार रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2020 में खेले गए एडिलेड टेस्ट में भारतीय टीम दूसरी पारी में केवल 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी। उस मैच में हेजलवुड ने 5 ओवर में 8 रन देकर 5 विकेट चटकाए थे, जो उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ स्पैल्स में से एक था। हेजलवुड की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलियाई टीम को गुलाबी गेंद का लाभ उठाने के लिए अन्य तेज गेंदबाजों पर निर्भर रहना होगा। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनकी जगह दो तेज गेंदबाजों, सीन एबोट और ब्रेंडन डोगेट, को टीम में शामिल किया है। एबोट अपनी विविधतापूर्ण गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। उनके पास घरेलू क्रिकेट में शानदार अनुभव है, जो एडिलेड की परिस्थितियों में कारगर साबित हो सकता है। डोगेट ने हाल ही में भारत ए के खिलाफ अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6 विकेट लिए थे। उनकी तेज गेंदबाजी एडिलेड की पिच पर उपयोगी हो सकती है। स्कॉट बोलैंड, जो कैनबरा में प्राइम मिनिस्टर एलेवन का नेतृत्व कर रहे हैं, पर भी जिम्मेदारी होगी कि वे आक्रमण का नेतृत्व करें और भारत के बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखें। भारत की टीम पर्थ टेस्ट में शानदार प्रदर्शन के बाद आत्मविश्वास से भरी हुई है। हालांकि, गुलाबी गेंद के साथ भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन चिंता का विषय है। भारतीय बल्लेबाज गुलाबी गेंद से संघर्ष करते नजर आए हैं। 2020 के एडिलेड टेस्ट में पूरी टीम मात्र 36 रन पर सिमट गई थी, जो टेस्ट इतिहास में भारत का सबसे कम स्कोर है। एडिलेड की पिच पर तेज गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। ऐसे में भारत के बल्लेबाजों को बेहतर रणनीति के साथ उतरना होगा। हेजलवुड के बाहर होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के पास पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे तेज गेंदबाज हैं, जो गुलाबी गेंद के साथ घातक साबित हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया अपने तेज गेंदबाजी आक्रमण के दम पर भारत को शुरुआती झटके देकर दबाव में लाना चाहेगा। जोश हेजलवुड की चोट ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा झटका है, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में नए गेंदबाजों को अपनी क्षमता साबित करने का मौका मिलेगा। दूसरी ओर, भारत के पास इस टेस्ट में अपनी बढ़त को मजबूत करने का मौका है। एडिलेड की गुलाबी गेंद और तेज गेंदबाजों की अनुकूल परिस्थितियों में यह मुकाबला रोमांचक होने की पूरी उम्मीद है।