February 5, 2025

ओवैसी के अंदर जिन्ना की आत्मा, वे भारत को नफरत की राह पर ले जा रहे : गिरिराज सिंह

पटना। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने असदुद्दीन ओवैसी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ओवैसी में जिन्ना की विचारधारा समाई हुई है और वह देश को नफरत और विभाजन के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने ओवैसी के बयानों को भारत के लिए हानिकारक बताते हुए उनकी तुलना जिन्ना से की। गिरिराज सिंह ने यह बयान शुक्रवार को दिया, जिसमें उन्होंने देश के वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर भी अपनी राय रखी। गिरिराज सिंह ने वक्फ बोर्ड को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के विभाजन के समय इस मुद्दे का समाधान हो जाना चाहिए था। उनके अनुसार, विभाजन के बाद अधिकांश मुस्लिम पाकिस्तान चले गए, लेकिन वक्फ बोर्ड भारत में छोड़ दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड सरकारी और निजी जमीनों पर कब्जा कर रहा है। उनका कहना है कि इस तरह की गतिविधियां देशहित में नहीं हैं और इस पर रोक लगाने के लिए कानून का सहारा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वक्फ बोर्ड के मामलों पर कानून का फैसला आना अभी बाकी है। दिल्ली दंगों का जिक्र करते हुए गिरिराज सिंह ने स्पष्ट किया कि कानून अपना काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी या केंद्र सरकार किसी को व्यक्तिगत रूप से फंसाने की कोशिश नहीं करती। उन्होंने केजरीवाल, ताहिर हुसैन, शकूर रहमान और अन्य आरोपियों का नाम लेकर कहा कि यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। गिरिराज सिंह ने यह संदेश देने की कोशिश की कि कानून निष्पक्ष रूप से काम कर रहा है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। तेजस्वी यादव के अपराध को लेकर दिए गए बयानों पर पलटवार करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने माता-पिता के शासनकाल को याद करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू-राबड़ी शासन के दौरान बिहार में भय और अपराध का माहौल था, जहां नवविवाहित जोड़े भी घर से बाहर निकलने से डरते थे। इसके विपरीत, उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्तमान सरकार को सुशासन वाली सरकार बताया। उनका कहना है कि नीतीश कुमार अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं और राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सफल हो रहे हैं।गिरिराज सिंह के इस बयान का मुख्य उद्देश्य देश में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने पर जोर देना और उन मुद्दों को उजागर करना था जो समाज में विभाजन और नफरत का कारण बन सकते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार देशहित के मुद्दों पर अडिग है और कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उनका बयान एक तरफ ओवैसी और वक्फ बोर्ड पर निशाना था, तो दूसरी ओर विपक्ष के अपराध से जुड़े बयानों का जवाब भी।

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