झारखंड : ऑक्सीजन संकट बरकरार, इन दो अस्पतालों में मची अफरातफरी
रांची । झारखंड में ऑक्सीजन का संकट बरकरार है। शुक्रवार को रांची के सदर अस्पताल और धनबाद पीएमएसीएच में ऑक्सीजन संकट से अफतारफरी मची रही। रांची सदर अस्पताल में तो इसके लिए कुछ देर हंगामा भी हुआ। धनबाद के निजी अस्पतालों में भी संकट बना हुआ है।
रांची सदर अस्पताल में सुबह आठ बजे के बाद ऑक्सीजन की कमी के कारण अफरातफरी मची रही। मरीज के परिजनों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण हंगामा कर दिया। जिसके बाद गंभीर रूप से बीमार मरीजों को और जिनको अधिक जरूरत है उन्हें ऑक्सीजन जल्दबाजी में मुहैया करा दिया गया। 25 से 30 मरीजों के परिजन घंटों सिलेंडर का इंतजार करते रहे।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि उन्हें जरूरत की आधी ही सप्लाई मिल रही है इसलिए फुल फ्लो में ऑक्सीजन नहीं दिया जा रहा। फुल फ्लो में ऑक्सीजन देने पर 3 घंटे में ही रिफिलिंग की स्थिति हो जाती है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ मंडल ने बताया कि सदर अस्पताल को टी 2 टाइप के 50 सिलेंडर की जरूरत होती है पर 25 ही मिल पा रहा है। ऐसे में प्रशासन से कहा गया है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली एजेंसी की संख्या बढ़ायी जाए।
सदर अस्पताल में 300 बेड की व्यवस्था है। सभी में गंभीर रूप से संक्रमित मरीज भर्ती हैं। सभी को आॅक्सीजन की जरुरत है। सदर अस्पताल के तीसरे तल्ले में 60 बेड का आईसीयू है। इसके अलावा दो अन्य फ्लोर में 240 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। ऐसे में ऑक्सीजन का पूरे फ्लो में मरीजों को नहीं मिल पाना गंभीर चिंता की बात है।
कांटाटोली के शाहिद खान ने बताया कि उनके पिता आरिफ खान तीन दिन से अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टर अचानक आए और कहने लगे कि इनका सामान पैक करो और ऊपर भेजो। उन्होंने रिक्वेस्ट किया कि रिपोर्ट आने दें उसके बाद हम चले जाएंगे। तो डॉक्टरों ने कॉलर पकड़ कर कहा जाओ नहीं तो मार कर भगाएंगे।
धनबाद के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हो गई है। एसएनएमएमसीएच (पीएमसीएच) में मरीजों को खुद ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने को कहा गया है। पीजी ब्लॉक स्थित कोविड सेंटर में सुबह 3 बजे ऑक्सीजन समाप्त हो गई थी। इसके कई मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई। यहां ऑक्सीजन की कमी के कारण एक महिला मरीज की मौत की भी सूचना है। मरीजों के परिजनों का आरोप है कि दोपहर तक मरीज ऑक्सीजन की किल्लत झेलते रहे। हालांकि प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि शनिवार दोपहर बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति हो गई। इधर, धनबाद के प्राइवेट अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की किल्लत मरीजों को झेलनी पड़ रही है।
सदर में ऑक्सीजन के लिये कार्यरत आउटसोर्स एजेंसी जी एलर्ट के इंचार्ज अजीत कुमार ने कहा कि सुबह 4:00 बजे तक मरीजों को सिलेंडर दिया गया था। 8 बजे सिलेंडर के स्टॉक खत्म हो गये। उन्होंने बताया कि मरीजों से खाली सिलेंडर लेकर रिफिलिंग के लिए भेजा जा रहा है। वहीं इमरजेंसी के मरीजों गया। 12 बजे तक सिलेंडर दे दिया जाएगा। दोपहर 2 बजे तक 25 से 30 लोग ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही ऑक्सीजन की गाड़ी आती है, मरीज के परिजन आपा धापी करने लगते हैं। ऐसे में सही से लोगों को नहीं दिया जा पा रहा।अस्पताल के कर्मियों ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से दिक्कतें आ रही है। ऑक्सीजन के लिए लूटपाट करते मरीज के परिजन को आसानी से देखा जा रहा था। सदर अस्पताल की कर्मियों ने बताया कि यह रोज की बात है।
अस्पताल में ऑक्सीजन की दिक्कत के बीज हटिया तो खुदा ना के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हो गयी। मृतक के बेटे राजीव ने बताया कि सुबह बजे से वे सदर में इधर उधर घूम रहे हैं किसी डॉक्टर ने उनके पिताजी को छुआ तक नहीं। डॉक्टर उसे बार-बार गुजारिश करने के बाद भी उन्होंने नहीं देखा। इतना ही नहीं मरने के बाद सुरेंद्र शर्मा का शव 5 घंटे तक सदर अस्पताल परिसर में ही पड़ा रहा।
एक तरफ जहां सिलेंडर के लिए परिजन मारामारी कर रहे थे। 5 घंटे तक परिजन इंतजार करते रहे। वहीं, दूसरी तरफ सदर अस्पताल के कोविड वार्ड सबसे निचले तल्ले के एक रूम में 100 सिलेंडर ताला बंद कर रखा गया था। ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली एजेंसी ने बताया कि यह 100 सिलेंडर रिम्स के लिए हैं कैसे सदर में दे दिए जाएं। उसके बाद ट्रक में भरकर रिम्स पहुंचाया गया।