केंद्र सरकार से बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगेगा जदयू, कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित

पटना। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई है। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे हैं। वहीं, बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले या स्पेशल पैकेज मिले इसको लेकर मंथन किया गया है। इस मसले को लेकर केंद्र सरकार के सामने जेडीयू मजबूती से अपना पक्ष रखकर मांग करेगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। जदयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र सरकार से एक बार फिर मांग की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार की विकास दर को देखते हुए और राज्य की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यह दर्जा अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बिहार के विकास के लिए जरूरी है विशेष राज्य का दर्जा: विजय चौधरी
विजय कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर जदयू ने केंद्र सरकार के सामने कई बार अपनी बात रखी है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार की विकास यात्रा को तेज करने और राज्य के नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने के लिए यह दर्जा जरूरी है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार को केंद्रीय सहायता और संसाधनों में बढ़ोतरी मिलेगी, जिससे राज्य में बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे बिहार की गरीबी और पिछड़ापन कम होगा और राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में सहयोग मिलेगा। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, ‘उन्होंने (सीएम नीतीश कुमार) राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सामने घोषणा की है कि अब वे हमेशा एनडीए गठबंधन का हिस्सा रहेंगे। बिहार हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण पर रोक लगाने के मामले में हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। राज्यसभा सांसद संजय झा को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। हम विशेष दर्जे और आर्थिक पैकेज के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।’बैठक में कार्यकारिणी के सदस्य, महासचिव, सचिव और प्रदेश अध्यक्षों के अलावा सभी सांसद और मंत्री मौजूद रहे। इस दौरान पार्टी की ओर से हाल के दिनों में लिए गए तमाम निर्णयों, उसके प्रभाव, लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि 2024 के चुनाव नतीजों ने देश की राजनीति में यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति नीतीश कुमार जी के इर्द-गिर्द घूमती है।’ इससे पहले शुक्रवार को नीतीश कुमार जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुए। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जेडीयू और बीजेपी बिहार में सुशासन के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।
नीतीश कुमार लगातार बिहार के लिए मांग रहे विशेष राज्य का दर्ज़ा
पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में जेडीयू सांसदों के साथ बैठक के बाद यह बात कही। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में, जेडीयू ने बिहार में 16 सीटों पर चुनाव लड़ा और 12 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा पार्टी को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के हिस्से के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी प्रतिनिधित्व मिला है। जेडीयू बीजेपी के प्रमुख गठबंधन सहयोगियों में से एक है। जदयू के प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी इस मुद्दे को संसद के आगामी सत्र में उठाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, विभिन्न दलों के साथ मिलकर इसे एक संयुक्त प्रयास के रूप में प्रस्तुत करने का भी विचार है, ताकि बिहार के हितों की आवाज को और अधिक प्रभावशाली ढंग से उठाया जा सके। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार की भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए यह दर्जा अत्यंत आवश्यक है। राज्य सरकार ने भी कई बार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और विभिन्न मंचों पर इसे प्रमुखता से उठाया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से राज्य के विकास की गति में तेजी आएगी और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं और सेवाएं मिल सकेंगी। जदयू का कहना है कि पार्टी इस मुद्दे पर अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगी और केंद्र सरकार से इसे लेकर लगातार दबाव बनाए रखेगी। इस मुद्दे को लेकर राज्य के विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिक समूहों ने भी जदयू के इस कदम का समर्थन किया है और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को न्यायसंगत बताया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के विकास में तेजी आएगी और नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर मिलेगा।
विशेष राज्य का दर्जा से होगा आर्थिक सहायता में वृद्धि
विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार को केंद्रीय सहायता में बढ़ोतरी मिलेगी। यह आर्थिक सहायता राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे राज्य में विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा सकेगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
करों में रियायत
विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से करों में रियायत मिलती है। इससे राज्य के उद्योगों और व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इससे बिहार में निवेश बढ़ेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
बुनियादी ढांचे का विकास
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अधिक संसाधन प्राप्त होंगे। इसमें सड़क, बिजली, पानी, परिवहन और अन्य बुनियादी सेवाओं का सुधार शामिल है। इससे राज्य के लोगों को बेहतर जीवनस्तर मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
विशेष राज्य का दर्जा मिलने से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए अतिरिक्त धनराशि प्राप्त होगी। इससे राज्य के स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार होगा। बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से राज्य के लोगों की गुणवत्ता जीवन में सुधार होगा।
गरीबी उन्मूलन
बिहार भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से गरीबी उन्मूलन के लिए अधिक संसाधन और योजनाएं लागू की जा सकेंगी। इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गरीबी दर कम होगी।
कृषि विकास
बिहार की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए अधिक धनराशि प्राप्त होगी। इससे सिंचाई, कृषि यंत्र, बीज और तकनीक में सुधार होगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और राज्य की कृषि उत्पादन में सुधार होगा।
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सहायता
बिहार बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होता रहता है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से आपदा प्रबंधन के लिए अधिक संसाधन और सहायता प्राप्त होगी। इससे राज्य को आपदाओं से निपटने और पुनर्निर्माण में मदद मिलेगी।
समान विकास का अवसर
विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार को अन्य विकसित राज्यों के बराबर लाने का अवसर मिलेगा। इससे राज्य की समग्र विकास दर में वृद्धि होगी और विकास की खाई कम होगी।

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