जदयू का भाजपा के बयान से किनारा, अशोक चौधरी बोले- धर्म के नाम पर नफरत फैलाना गलत, हम समर्थन नहीं करते

पटना। बिहार की राजनीति में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने हाल ही में होली के त्योहार के दौरान मुसलमानों को घर में रहने की सलाह दी थी, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया। इस बयान की न केवल विपक्षी पार्टियों बल्कि भाजपा की सहयोगी जदयू ने भी आलोचना की है। जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी इस प्रकार की विचारधारा का समर्थन नहीं करती। अशोक चौधरी ने कहा कि हमें समाज में सौहार्द बढ़ाने के लिए कार्य करना चाहिए, न कि किसी धर्म विशेष के लोगों को अलग-थलग करने के लिए। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक को मुसलमानों को घर में रहने की नसीहत देने के बजाय उन्हें होली के उत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था। उनका मानना है कि जब हम जानवरों तक से लगाव रखते हैं, तो इंसानों के प्रति प्रेम और सद्भाव दिखाना आवश्यक है। चौधरी ने यह भी कहा कि धर्म के नाम पर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना सही नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि संविधान सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, और इसी वजह से कुछ लोग बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देते हैं। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भाजपा पर समाज में विभाजन फैलाने का आरोप लगाया है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि भाजपा विधायक के इस विवादित बयान पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान न केवल समाज को बांटने का काम करते हैं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द को भी बिगाड़ते हैं। तेजस्वी ने यह भी कहा कि विधायक को तत्काल हिरासत में लेकर जेल भेजा जाना चाहिए ताकि इस तरह के बयान देने वालों को सबक मिले। इस घटनाक्रम के बाद जदयू और भाजपा के बीच मतभेद एक बार फिर सामने आ गए हैं। भले ही दोनों पार्टियां बिहार में गठबंधन सरकार चला रही हैं, लेकिन इस तरह के विवादास्पद बयानों पर जदयू का भाजपा से सार्वजनिक रूप से अलग रुख अपनाना संकेत देता है कि दोनों के संबंध सहज नहीं हैं। यह पहली बार नहीं है जब जदयू ने भाजपा के किसी बयान से दूरी बनाई हो। इससे पहले भी कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेता भाजपा के कट्टरपंथी बयानों पर विरोध दर्ज कराते रहे हैं। भाजपा विधायक के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां विपक्ष इसे सांप्रदायिक राजनीति से जोड़ रहा है, वहीं जदयू ने इसे अनुचित करार दिया है। अशोक चौधरी का बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि जदयू भाजपा की हर विचारधारा से सहमत नहीं है, खासकर उन मामलों में जहां सांप्रदायिकता का मुद्दा उठता है। यह मामला बिहार की राजनीति में भाजपा और जदयू के संबंधों की जटिलता को भी दर्शाता है, जो आने वाले समय में और दिलचस्प मोड़ ले सकता है।
