रीतलाल को लेकर जदयू का तेजस्वी पर हमला, नीरज बोले- सुशासन के राज में अपराधी बच नहीं सकता

पटना। बिहार की राजनीति में अपराध और राजनीति का रिश्ता एक बार फिर सुर्खियों में है। राजद विधायक रीतलाल यादव ने गुरुवार को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर माहौल गर्मा दिया है। उन पर एक बिल्डर से रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप है। इस मामले में पुलिस पहले ही उनके ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी थी। अब जदयू ने इस घटना को लेकर आरजेडी और खासकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है।
रीतलाल यादव का आत्मसमर्पण
दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद रीतलाल यादव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उनके खिलाफ पटना के एक नामी बिल्डर ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें रीतलाल पर फोन कर रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कई जगह छापेमारी की थी लेकिन वे फरार थे। अब कोर्ट में सरेंडर के बाद मामला और गंभीर हो गया है।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का तेजस्वी यादव पर हमला
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस मुद्दे को लेकर तेजस्वी यादव पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को अब ‘सुशासन’ का मतलब समझ में आ रहा होगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक ओर महागठबंधन की बैठक हो रही है और दूसरी ओर उनके ‘राजनीतिक रत्न’ जेल जा रहे हैं। यह सब सुशासन के राज में ही संभव है, जहां कानून से कोई भी ऊपर नहीं होता।
आरजेडी की शुरुआत बताई
नीरज कुमार ने आगे कहा कि यह तो महज शुरुआत है। आरजेडी के कई और विधायक हैं जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और वे अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उन सभी पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में अब चाहे कोई भी अपराधी हो, वह किसी भी जाति, धर्म या राजनीतिक दल से जुड़ा हो, कानून का वज्रपात उस पर जरूर होगा।
राजनीति में अपराध का सवाल
यह मामला केवल एक विधायक के आत्मसमर्पण का नहीं है, बल्कि बिहार की राजनीति में अपराधियों की मौजूदगी पर भी सवाल उठाता है। जदयू इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर यह संदेश देना चाह रही है कि एनडीए के शासन में कानून सभी के लिए बराबर है और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
आने वाले चुनाव में असर
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। ऐसे में यह मामला चुनावी बहस का बड़ा मुद्दा बन सकता है। जदयू इस प्रकरण को तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता और महागठबंधन की नीति पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। वहीं आरजेडी की तरफ से अब तक इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला राजनीतिक रूप से क्या मोड़ लेता है और रीतलाल यादव के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।
