पटना में गंगा नदी में डूबने से जन सुराज के कार्यकर्ता की मौत, स्नान के दौरान हादसे में गई जान

पटना। पटना में गंगा नदी के एलसीटी घाट पर बुधवार की सुबह एक दुखद हादसे में जन सुराज अभियान से जुड़े एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। मृतक की पहचान अभिराज कुमार के रूप में हुई है, जो बिहार के बेगूसराय जिले के निवासी थे। वे प्रशांत किशोर के नेतृत्व में चल रहे जन सुराज अभियान में भाग लेने के लिए पटना आए हुए थे और एलसीटी घाट के पास पार्टी की ओर से लगाए गए टेंट में ठहरे हुए थे।
स्नान के दौरान हुआ हादसा
बुधवार की सुबह लगभग 7 बजे अभिराज कुमार गंगा नदी में स्नान करने के लिए घाट पर पहुंचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्नान करते समय उनका पैर अचानक फिसल गया और वे गहरे पानी में चले गए। यह हादसा तब हुआ जब घाट पर मौजूद बालू धंस गया, जिससे उनका संतुलन बिगड़ गया और वे नदी की तेज़ धारा में बह गए। आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया और उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और अभिराज पानी में डूब चुके थे।
करीबियों की प्रतिक्रिया और शोक की लहर
अभिराज के करीबी साथी ऋषभ कुमार ने बताया कि वे दोनों सुबह घाट पर स्नान के लिए पहुंचे थे। ऋषभ ने घटना की सूचना तुरंत प्रशासन को दी। उनके अनुसार, अभिराज का पैर बालू में फंसने के कारण फिसला और वे गहरे पानी में चले गए, जिससे उनकी डूबने से मौत हो गई। इस दुखद घटना से जन सुराज के कार्यकर्ताओं और अभिराज के परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है।
जन सुराज पार्टी की चुप्पी
हैरानी की बात यह है कि इतनी गंभीर घटना के बावजूद अब तक जन सुराज अभियान की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। न ही किसी पार्टी नेता ने इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया दी है। जबकि मृतक अभिराज, पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे थे और जन संवाद कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।
सवालों के घेरे में सुरक्षा इंतजाम
यह घटना गंगा घाट पर सुरक्षा इंतजामों को लेकर भी सवाल खड़े करती है। ऐसी जगहों पर स्नान के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और चेतावनी संकेत होने चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। जन कार्यक्रमों में शामिल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आयोजकों की जिम्मेदारी बनती है। अभिराज कुमार की असमय और दर्दनाक मौत ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जन सुराज अभियान को भी गमगीन कर दिया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि किसी भी सार्वजनिक आयोजन में भाग ले रहे लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उम्मीद की जाती है कि प्रशासन और पार्टी इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएंगे।
