बीजेपी प्रदेश परिषद की बैठक में दिलीप जायसवाल फिर बने प्रदेश अध्यक्ष, मनोहर लाल खट्टर ने की घोषणा

पटना। पटना के बापू सभागार में आयोजित बीजेपी प्रदेश परिषद की बैठक में औपचारिक रूप से दिलीप जायसवाल को बिहार भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया। इस महत्वपूर्ण घोषणा को पार्टी के केंद्रीय प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
कार्यक्रम में दिग्गज नेताओं की उपस्थिति
इस बैठक में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, सांसद राधा मोहन सिंह, रविशंकर प्रसाद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, सह प्रभारी दीपक प्रकाश सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। इसके अलावा, प्रदेश और मंडल स्तर तक के करीब 15,000 कार्यकर्ता इस बैठक का हिस्सा बने।
बीजेपी में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि बीजेपी केवल संख्या बल के आधार पर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी नहीं बनी, बल्कि यह कार्यकर्ताओं की ऊर्जा और समर्पण से आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा, “भाजपा में कोई भी कार्यकर्ता पहला या आखिरी नहीं होता। यह पार्टी परिवारवाद पर नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं की मेहनत पर चलती है। बीजेपी का प्रत्येक कार्यकर्ता तुलसी के पत्ते की तरह महत्वपूर्ण होता है।
दिलीप जायसवाल की नियुक्ति की प्रक्रिया
पार्टी ने जुलाई 2024 में ही दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सम्राट चौधरी की जगह उन्हें इस पद की जिम्मेदारी दी गई। हालांकि, औपचारिक संगठनात्मक चुनाव से पहले, 27 फरवरी को दिलीप जायसवाल ने बिहार सरकार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश अध्यक्ष बनने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हुई, जब उन्होंने पार्टी के चुनाव पदाधिकारी एवं प्रदेश महामंत्री राजेश वर्मा के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके प्रस्तावकों में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, मंत्री मंगल पांडेय और एमएलसी संजय मयूख शामिल थे। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें 2025-2027 के कार्यकाल के लिए प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया।
बीजेपी ने 38 जिलों में 55 संगठनात्मक जिलाध्यक्ष नियुक्त किए
प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा से पहले, बीजेपी ने बिहार के 38 जिलों में 55 संगठनात्मक जिलाध्यक्षों की सूची जारी की। इस लिस्ट में सामाजिक संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। 45% जिलाध्यक्ष सवर्ण समुदाय से हैं, जिनमें ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ को प्रतिनिधित्व दिया गया है। सबसे अधिक तवज्जो कुशवाहा समुदाय को दी गई है। कोइरी और कुर्मी समुदाय के 10 जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। यादव समुदाय को मिलाकर कुल 20% जिलाध्यक्ष पिछड़े वर्ग से हैं। अति पिछड़ा वर्ग में मल्लाह, हलवाई, कानू और भगत जातियों के नेताओं को जगह दी गई है। मुस्लिम समुदाय से किसी को भी संगठन में शामिल नहीं किया गया। बीजेपी का संगठनात्मक विस्तार और आगामी रणनीति
बीजेपी ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए राज्य के सभी जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की है। इससे स्पष्ट है कि पार्टी आगामी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी ने सामाजिक संतुलन बनाए रखते हुए पिछड़े वर्गों और अति पिछड़ों को भी प्रतिनिधित्व दिया है, जिससे वह व्यापक जनसमर्थन जुटाने का प्रयास कर रही है। दिलीप जायसवाल को बिहार बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही पार्टी ने अपने संगठन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस निर्णय से बिहार में बीजेपी को नया नेतृत्व मिला है, जो आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को मजबूती देने का प्रयास करेगा। साथ ही, जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से पार्टी का सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की रणनीति भी स्पष्ट होती है। अब देखना यह होगा कि यह नई नेतृत्व टीम बिहार में बीजेपी की राजनीतिक स्थिति को कितनी मजबूती देती है।
