December 22, 2024

स्मार्ट प्रीपेड मीटर मुद्दे पर जगदानंद सिंह ने किया सीएम नीतीश कुमार पर पलटवार-पूछ दिए कठिन सवाल..क्या जदयू दे पाएगी जवाब..

पटना। बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर राजनीति चरम पर एक तरफ राजद समेत कांग्रेस के द्वारा इसके खिलाफ व्यापक जन आंदोलन की बात की गई है। वहीं दूसरी तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार के द्वारा कल खुद स्मार्ट प्रीपेड मीटर के पक्ष में मैदान में उतरकर उसकी खूबियां गिनाने लगें।बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर पलटवार किया है।उन्होंने सीएम नीतीश से से पूछा है कि जब बिहार की जनता का सवाल विपक्ष नहीं उठाएगा तो सच और सच्चाई से लोग अवगत कैसे होंगे। जो प्रश्न स्मार्ट मीटर के संबंध में हमने उठाया था उसका एक भी जवाब राज्य सरकार के स्तर से नहीं दिया गया है।जबकि राष्ट्रीय जनता दल ने आम जनों के द्वारा जिस तरह से इस मामले पर प्रश्न खड़े किए जा रहे थे। उसको हमने जिम्मेदार विपक्ष की हैसियत से सरकार से पूछा है कि वो बताएं कि पहले के मीटर और अब के स्मार्ट मीटर के संबंध में जो बातें सामने आई है और आमलोगों की आवाज को नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने स्मार्ट चीटर कहा है। उस पर थर्ड पार्टी के समक्ष जांच करवाने की बात सरकार ने क्यों नहीं की। आम जनता को बिना विश्वास में लिए जबऱिया स्मार्ट मीटर क्यों लगाया जा रहा है? इसके लिए बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के लेटर पैड पर श्री पंकज कुमार पाल, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने सभी जिलाधिकारियों को बल प्रयोग के साथ मीटर लगाने की बात अपने पत्रांक संख्या 19/सीएमडी, दिनांक 15.09.2024 को क्यों लिखा? क्या यह मुख्यमंत्री की सहमति से पत्र लिखा गया था। साथ ही मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि क्या उनकी सहमति से ही बल प्रयोग की बात पत्र में लिखी गई है। सीएमडी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने में प्रशासन के स्तर से कार्रवाई की जाए और जबरदस्ती बलप्रयोग से स्मार्ट मीटर लगाने की बात के साथ यह भी कहा कि यह मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना का अंग है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने राज्य सरकार से पूछा है कि 5 रूपये प्रति युनिट के हिसाब से बिजली खरीद कर 5.85 रूपये से 8 रूपये प्रति युनिट के हिसाब से क्या बिक्री नहीं की जा रही है। फिक्सड चार्ज और विद्युत शुल्क ये दोनों चार्ज क्यों लिए जा रहे है राज्य सरकार बताएं। बिहार में बिजली का उत्पादन शुन्य है क्या यह आम लोगों को बताया गया है। जो बिजली बिल आ रहा है उसमें गड़बडि़यां है, उस पर सवाल खड़ा किया गया है लेकिन उस पर जवाब अब तक नहीं आया है। बिहार में बिजली बिल के नाम पर लूट मचा हुआ है और इस मामले में षडयंत्र करने के पीछे जो थे उसका नाम नीतीश कुमार है। जब सरकार के उर्जा मंत्री के जवाब से काम नहीं चला तो मुख्यमंत्री को स्वयं आना पड़ा लेकिन वो भी आमजनों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। यह सवाल न आपका है न हमारा है, यह जनता का सवाल है लेकिन उसपर सरकार मौन है।

इन्होंने आगे कहा कि खेती के लिए किसानों को केवल आठ घंटे ही बिजली क्यों दी जा रही है? भयंकर सुखाड़ के वक्त भी सरकार के स्तर से किसानों को खेती के लिए बिजली नहीं दी गई और किसानों के सोलह घंटे कटौती के बिजली को अन्य राज्यों को सस्ते दर पर बिजली बेची जा रही है। सच तो यह है कि 2023-2024 वर्ष में 22 सौ करोड़ की बिजली चार रूपये में 5280 मिलियन युनिट अन्य राज्यों को बेच दी गई। बिहार की खेती को बर्बाद करने के लिए डबल इंजन की सरकार दोषी है।

इन्होंने कहा कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के केन्द्रीय मंत्री रहते हुए यूपएी-1 की सरकार ने 4 अप्रैल, 2005 को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना शुरू की तभी से हीं बिहार के गांवों में बिजली लगाने का कार्य शुरू हुआ और बिहार को बिजली से रौशन करने में लालू प्रसाद की जो भूमिका रही है उसे बताने में भाजपा-जदयू और एनडीए के अन्य नेता संकोच क्यों कर रहे हैं। जनता सच्चाई जानती है कि वर्ष 1998 से 2004 तक नीतीश भाजपा की केन्द्रीय सरकार ने मंत्री रहते बिहार को बिजली के मद में एक भी पैसे का योगदान नहीं करा पाये।वाजपेयी सरकार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के रहते हुए वर्ष 2003 में नया विद्युत एक्ट बना।उसमें युनिवर्सल विद्युत दर के बदले उत्पादन केन्द्रो द्वारा तय बिजली की दर लागू कराने में अपनी भूमिका के बारे में बतायेंगे, उसी समय से बिहार को अधिक कीमत पर बिजली खरीदना पड़ रहा है। संध्या काल में तो दस रूपये तक की युनिट चुकानी पड़ रही है। बिहार में नीतीश सरकार ने जो कार्य किया वही बिजली की बढ़ी दरो के लिए जिम्मेदार हैं।क्योंकि उस समय केन्द्र की सरकार में नीतीश कुमार मंत्री थे। इतिहास का ज्ञान रखकर ही सत्तारूढ़ दल के नेता आमलोगों को सच्चाई बताएं?

इन्होंने कहा कि ईडी ने पूर्व सीएमडी के संबंध में कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने वाली कम्पनियों से करोड़ों का घुस लिया गया और जो करोड़ों का घुस देगा वो अरबों कमाने के लिए लुट तो करेगा हीं। उन्होंने प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार से पूछा कि इन कम्पनियों का हिस्सा किन-किन तक पहुंचा है ये आपकी पार्टी के नेता क्यों नहीं बता रहे हैं। इन्होंने कहा कि विरोधी अफवाह नहीं फैला रहे हैं। बल्कि इस तरह के लूट और अत्याचार के खिलाफ जनता उठ खड़ी हुई है और आमजन आपके खिलाफ खड़ी है, ये आपको नहीं दिख रहा है। जनता के सवालों के साथ राष्ट्रीय जनता दल हमेशा खड़ी रही है और खड़ी रहेगी।

इस अवसर पर प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री दिलीप जायसवाल ने जिस निर्लज्जता की हदें पार करके नेता प्रतिपक्ष के संबंध में जिन शब्दों का प्रयोग किया है यह संसदीय परंपरा मानक और मर्यादा विहिन शब्द है और इस पर राष्ट्रीय जनता दल को घोर आपति है। क्योंकि इस तरह की आपतिजनक भाषा संवैधानिक पद पर बैठे हुए नेता के संबंध में किया जाना कहीं से उचित नहीं है।

इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, चितरंजन गगन, ऋषि मिश्रा,मधु मंजरी, मुख्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह, प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार राम, निर्भय कुमार अम्बेदकर एवं अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रवक्ता उपेन्द्र चन्द्रवंशी भी उपस्थित थे।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed