इस्तीफे की रिपोर्ट पर खूब बरसे थें डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय,महज एक माह के अंदर सच्चाई सामने आ गई….
पटना।बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अंततः वीआरएस ले लिया। आज से महज एक माह पूर्व 23 अगस्त को ट्वीट करते हुए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने लिखा था कि बिहार में मीडिया ने उनके इस्तीफे संबंधित झूठी खबर चला दी है।अंततः सच्चाई सामने आ ही गई।क्योंकि वीआरएस कोई रातों-रात लिया जाने वाला प्रक्रिया नहीं है।सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण के जांच को लेकर शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी कहा था कि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पुलिस की सेवा छोड़कर चुनाव लड़ने वाले हैं।बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय,जो वीआरएस ले चुके हैं,इस बार संभवत भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में दांव आजमा सकते हैं।महज एक माह पूर्व उन्होंने अपने इस्तीफे की खबर से संबंधित मीडिया रिपोर्ट पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट कर लिखा था कि मेरे इस्तीफा की झूठी खबर चलाई जा रही है।इसे किस किस्म की पत्रकारिता कही जाए। मगर महज एक माह के अंदर ही सच्चाई सामने आ गई।बिहार के डीजीपी अब पूर्व हो चुके हैं।उनका वीआरएस मंजूर कर लिया गया है। इसके पूर्व भी 2009 में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने पद से वीआरएस लेकर लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रयास कर चुके हैं।मगर टिकट से वंचित हो जाने के कारण उन्हें पुनः अपनी वीआरएस की अर्जी वापस लेनी पड़ी। बताया जाता है कि तब बमुश्किल उन्हें अपनी नौकरी वापस प्राप्त हुई थी।जानकारों का मानना है कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की नजर वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव पर है।इतना ही नहीं इसके अतिरिक्त भोजपुर-बक्सर तथा रोहतास के करीब 4 विधानसभा क्षेत्रों में है।जहां से उन्हें टिकट प्राप्त होगा वहां से वे जोर आजमाइश करेंगे।