September 8, 2024

सरकारी विद्यालयों में स्कूल बैग खरीद घोटाले की होगी विस्तृत जांच, शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

पटना। बिहार के सरकारी विद्यालयों में स्कूल बैग खरीद घोटाले का मामला उजागर होने के बाद शिक्षा मंत्री ने इस मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। घोटाले के सामने आने के बाद से ही राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षा मंत्री ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित करने का निर्देश दिया है, जो पूरे मामले की गहनता से जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश करेगी। सरकारी विद्यालयों के लिए खरीदे गए स्कूल बैग की गुणवत्ता और कीमत को लेकर कई अनियमितताएं पाई गई हैं। आरोप है कि बैग की खरीद में भारी धांधली की गई और स्कूल बैग की वास्तविक कीमत से अधिक राशि चुकाई गई। इस घोटाले में शिक्षा विभाग के कई उच्च अधिकारी और कुछ व्यवसायिक संस्थान शामिल हो सकते हैं। यह आरोप विपक्ष के साथ-साथ सत्ताधारी दल जेडीयू के एमएलसी संजीव सिंह ने भी लगाया है। संजीव सिंह ने सदन में स्कूल बैग दिखाकर आरोप लगाया कि सरकारी विद्यालयों में बच्चों को जो 1200 रुपये में स्कूल बैग दिया जा रहा है, उसकी कीमत बाजार में महज 120 रुपए है। एमएलसी संजीव सिंह ने सभापति की अनुमति से सदन में स्कूल बैग और उसमें रखी बोतल को दिखाया। बाजार में जिस बैग की कीमत 120 रुपये है, वह बच्चों को दिया जा रहा है। बैग का बिल 1200 रुपये का बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मिड डे मील की 30 रुपये की थाली की 70 रुपये में खरीद हुई है और बच्चों के बैठने के लिए बेंच और डेस्क भी मानक के अनुरूप नहीं खरीदे गए हैं। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि पांच गुनी कीमत पर यदि बच्चों को स्कूली बैग दिया जा रहा है, तो इसकी वह जांच कराएंगे और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने सदन को आश्वासन देते हुए कहा कि पहले से तीसरी कक्षा तक के बच्चों को बाग के साथ पानी बोतल और पेंसिल बॉक्स देने की योजना चल रही है। एक बैग की कीमत 1200 रुपये नहीं है बल्कि 500 रुपये है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि चाहे मिड डे मील की थाली खरीदने का मामला हो या बेंच डेस्क मानक के अनुरूप खरीदने और बैग खरीदने का मामला हो, इसकी वह जांच कराएंगे। जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके समक्ष जो भी मामला सामने आ रहे है उसकी जांच हो रही है, जो दोषी मिल रहे हैं उन पर कार्रवाई भी हो रही है। शिक्षा मंत्री ने कहा, “हमने इस मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जो सभी संबंधित दस्तावेजों और तथ्यों की गहनता से जांच करेगी। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, शिक्षा मंत्री ने विभाग के सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे जांच प्रक्रिया में पूरी तरह से सहयोग करें और किसी भी प्रकार की जानकारी छुपाने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी जांच में बाधा डालने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद से राज्य के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में स्कूल बैग की खरीद प्रक्रिया की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हो सकें।

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