पुणे टेस्ट में न्यूजीलैंड ने भारत को 112 रनों से हराया, 12 सालों बाद घर में सीरीज हारी भारतीय टीम
पुणे। न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम ने पुणे में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत को 112 रनों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है। यह पहली बार है जब न्यूजीलैंड ने भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में भारत को हराया है, और इस हार के साथ भारत की घरेलू धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने का 12 साल का सिलसिला भी टूट गया। इससे पहले, 2012-13 में इंग्लैंड ने भारत को उसी के घर में टेस्ट सीरीज में पराजित किया था। इसके बाद से भारत ने अपने घर में लगातार 18 टेस्ट सीरीज जीती थीं, लेकिन इस बार न्यूजीलैंड ने इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक बड़ा उलटफेर किया है। इस टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में घरेलू मैदान पर भारत को चौथी बार हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ, रोहित शर्मा अब भारत में सबसे ज्यादा टेस्ट हारने वाले दूसरे भारतीय कप्तानों की सूची में शामिल हो गए हैं। न्यूजीलैंड ने पुणे टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, जो सही साबित हुआ। उन्होंने पहली पारी में 259 रन बनाए। न्यूजीलैंड के मिचेल सैंटनर ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए भारत को पहली पारी में सिर्फ 156 रनों पर रोक दिया, जिसमें कोई भी भारतीय बल्लेबाज 40 रनों का आंकड़ा पार नहीं कर सका।दूसरी पारी में न्यूजीलैंड ने 255 रन बनाकर भारत को 359 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया। भारतीय बल्लेबाजों के पास इस लक्ष्य तक पहुंचने का मौका था, लेकिन एक बार फिर भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। यशस्वी जायसवाल को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज क्रीज पर टिक नहीं सका, और भारतीय टीम दूसरी पारी में केवल 245 रन ही बना पाई। मिचेल सैंटनर ने अपनी घातक गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को जमकर परेशान किया और दूसरी पारी में 6 विकेट लेकर भारत की हार में अहम भूमिका निभाई। यह हार भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक झटका है, खासकर जब भारत ने पिछले 12 वर्षों से घरेलू मैदान पर अपनी बादशाहत बनाए रखी थी। इस दौरान भारतीय टीम ने अपने घर पर कई शीर्ष टीमों को हराया और लगातार 18 सीरीज जीतीं, लेकिन इस बार कीवी टीम ने उनकी इस लगातार जीत के सिलसिले को तोड़ दिया। न्यूजीलैंड की टीम ने इस मैच में अपनी रणनीति और अनुशासन से भारतीय बल्लेबाजों को दबाव में रखा, और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। भारतीय टीम के लिए यह हार सोचने का एक अवसर है कि कहां कमी रह गई और भविष्य में कैसे सुधार किया जा सकता है। भारतीय टीम का बल्लेबाजी क्रम विशेष रूप से इस सीरीज में विफल रहा, जो एक बड़ी चिंता का विषय है। टीम को अपने बल्लेबाजों को मजबूत करना होगा और अपनी कमजोरियों पर काम करना होगा, ताकि घरेलू मैदान पर इस तरह की हार का सामना न करना पड़े।