मौनी अमावस्या को लेकर फ्लाइट कीमतें 600 फ़ीसदी बढ़ी, यात्रियों में आक्रोश, डीजीसीए का हस्तक्षेप

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 मेले के चलते हवाई किराए में लगभग 600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जहां 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रमुख स्नान होना है। कुंभ में अब तक करोड़ों लोग पहले ही डुबकी लगा चुके हैं। इस बीच हवाई किराए में वृद्धि के चलते विमानन नियामक डीजीसीए ने हस्तक्षेप किया है। बड़ी संख्या में लोग दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं, खासकर मौनी अमावस्या जैसे प्रमुख स्नान दिवस पर। गौरतलब है कि 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ में 12 करोड़ से अधिक लोग आ चुके हैं। हर 12 साल में एक बार होने वाला यह समागम 26 फरवरी को समाप्त होगा। ट्रैवल पोर्टल स्काईस्कैनर के अनुसार दिल्ली-प्रयागराज फ्लाइट के लिए हवाई टिकट की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। सोमवार को सुबह 11:00 बजे तक वनवे टिकट की कीमत 21,000 रुपये से अधिक थी। मुंबई से प्रयागराज के लिए टिकट की कीमत 22,000 से 60,000 रुपये के बीच है। बेंगलुरु से आने वाले तीर्थयात्रियों डायरेक्ट वनवे टिकट के लिए 26,000 से 48,000 रुपये के बीच कुछ भी खर्च करना होगा। उल्लेखनीय है कि त्योहारी सीजन के दौरान किराए में अत्यधिक वृद्धि हमेशा से ही भारत में यात्रियों के लिए एक समस्या रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल फरवरी में एक संसदीय पैनल ने प्रस्ताव दिया था कि सरकार को हवाई किराए में अचानक वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने चाहिए। विमानन नियामक संस्था नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एयरलाइनों से महाकुंभ के मद्देनजर प्रयागराज के लिए हवाई किराए को तर्कसंगत बनाने को कहा है। महाकुंभ के कारण डिमांड को पूरा करने के लिए डीजीसीए ने जनवरी में 81 अतिरिक्त उड़ानों को भी मंजूरी दी है, जिससे प्रयागराज के लिए हवाई संपर्क बढ़कर देश भर से 132 उड़ानों तक हो जाएगा। एयरलाइनों ने हमेशा टिकट की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी को सप्लाई और डिमांड का एक हिस्सा बताया है। हालांकि, आलोचकों का तर्क है कि यह मुनाफाखोरी है। इस संबंध में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने पहले आश्वासन दिया था कि वह लगातार बढ़ती उड़ान टिकट कीमतों कीसमीक्षा करेंगे। नायडू ने कहा, मैं वास्तव में इस मुद्दे पर गहराई से विचार करना चाहता हूं और उन्हें इस देश के लोगों के लिए थोड़ा और सुलभ कैसे बनाया जाना चाहिए।

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