पटना में आईआईटी के छात्र ने की आत्महत्या, नस काटकर सातवीं मंजिल से कूदकर दी जान

पटना। पटना के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में मंगलवार को एक दर्दनाक घटना घटी, जब एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। यह घटना पूरे संस्थान में चर्चा का विषय बन गई और छात्रों के बीच शोक और चिंता का माहौल बन गया। मृतक छात्र की पहचान राहुल लावरी के रूप में हुई है, जो थर्ड ईयर में कंप्यूटर एंड मैथमेटिक्स से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला राहुल अचानक इस तरह का कदम क्यों उठाया, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। मंगलवार को राहुल ने सबसे पहले अपने हाथ की नस काटी और फिर सातवीं मंजिल से छलांग लगा दी। ऊंचाई से गिरने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद कैंपस में अफरातफरी मच गई। मौके पर मौजूद छात्रों और स्टाफ ने तुरंत उसे नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना की सूचना पर प्रशासन की हलचल
इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। हालांकि, संस्थान के अधिकारी इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से बच रहे हैं। पुलिस भी सूचना मिलते ही कैंपस में पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। आईआईटी थाना प्रभारी विवेक कुमार ने बताया कि आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है और पुलिस हर संभव पहलू की जांच कर रही है।
छात्र की आत्महत्या के पीछे संभावित कारण
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि राहुल ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम क्यों उठाया। हालांकि, आमतौर पर ऐसे मामलों में मानसिक तनाव, पढ़ाई का दबाव, अकेलापन, पारिवारिक समस्याएं या व्यक्तिगत कारण अहम भूमिका निभाते हैं। आईआईटी जैसे संस्थानों में छात्रों पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव रहता है, जिससे कई बार वे मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं। हालांकि, इस मामले में जांच के बाद ही सही कारणों का खुलासा हो पाएगा।
छात्रों और शिक्षकों में शोक
राहुल की आत्महत्या की खबर से पूरे संस्थान में शोक की लहर दौड़ गई। उसके साथी छात्र सदमे में हैं और प्रशासन भी इस घटना से व्यथित है। छात्रों का कहना है कि राहुल पढ़ाई में अच्छा था और किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह इस तरह का कदम उठा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम के लिए जरूरी कदम
यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर संकेत करती है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना जरूरी है। खासतौर पर उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों के लिए मानसिक तनाव एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। ऐसे में संस्थानों को चाहिए कि वे छात्रों के लिए काउंसलिंग सुविधाएं बढ़ाएं, ताकि कोई भी छात्र मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या जैसे कदम उठाने से पहले किसी से अपनी समस्या साझा कर सके।
पुलिस जांच जारी, प्रशासन की चुप्पी
फिलहाल पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और राहुल के दोस्तों व परिवार वालों से बातचीत कर रही है, ताकि आत्महत्या के पीछे की असली वजह का पता लगाया जा सके। वहीं, आईआईटी प्रशासन अभी इस पर खुलकर कुछ भी कहने से बच रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले पर स्थिति स्पष्ट होगी और इसके पीछे के कारणों का खुलासा किया जाएगा। इस दुखद घटना ने एक बार फिर आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। यह जरूरी है कि छात्र अकेलेपन और तनाव से जूझने के बजाय अपने दोस्तों, शिक्षकों और परिजनों से खुलकर बातचीत करें और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लें।
