बक्सर में अजीबोगरीब मामला : श्राद्ध करने के 30 सालों के बाद घर लौटा पति, परिवार में खुशी का माहौल
बक्सर। बिहार के बक्सर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। इस मामले के सामने आने के बाद सभी और इस मामले की चर्चा हो रही है। जानकारी के मुताबिक, बताया जा रहा है कि यहां एक घर में मृतक के श्राद्ध करने के 30 सालों के बाद वह घर लौट आया। जहां एक और उसके घर आने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है वहीं आसपास के इलाके में भी इसकी खूब चर्चाएं हो रही है। वही पति को मृत मानकर तीस साल तक विधवा का जीवन गुजर-बसर करने वाली मुन्नी देवी को यकीन नहीं हो रहा था कि 30 साल बाद मुन्नी देवी का सुहाग लौटा तो खुशी के आंसू छलक पड़े। पति को जिंदा देख उसने सबसे पहले सिंदूर से अपनी मांग भरी और बोली- भगवान तेरा लाख-लाख शुक्रिया। पति को मृत मानकर तीस साल तक विधवा का जीवन गुजर-बसर करने वाली मुन्नी देवी को यकीन नहीं हो रहा था कि उसका सुहाग उसके सामने है। शुक्रवार को खुद की आंखों के सामने पति घनश्याम को एकटक देखते-देखते खुशी के मारे फफक पड़ी। घटना बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव की है।
बक्सर बस स्टैंड से हुआ था लापता
परिवार में लौटने के साथ वर्षों से बंधुआ मजदूर का जीवन गुजारने वाले घनश्याम के जीवन का अंधेरा भी दूर हो गया। घटना तीस साल पहले की है। कोरानसराय निवासी रामवतार साहू का पुत्र घनश्याम तेली जरूरी काम से बक्सर गया था। लौटने के क्रम में बक्सर के बस स्टैड से वह लापता हो गया तथा घर नहीं पहुंचा। जब घनश्याम गायब हुआ उस वक्त मुन्नी देवी एक बच्चे की मां थी। दूसरा बच्चा गर्भ में पल रहा था अचानक पति के लापता होने से पत्नी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। काफी खोजबीन के बाद घनश्याम का कही अता-पता नहीं मिला तो परिजनों ने मृत मान लिया। परिवार ने ग्रामिणों से साथ मिलकर घनश्याम का श्राद्ध कर्म भी कर दिया था। जब घनश्याम लौटा तो किसी को यकीन नहीं हो रहा था।
अधिकारियों ने बंधुआ मजदूरी से दिलाई मुक्ति
घनश्याम भटकते हुए जालौन जनपद के बिरगुआ गांव पहुंच गया था। जहां चह किसान प्रीतम सिंह के घर मवेशियों की देखभाल करने लगा। बंधुआ मजदूरी की शिकायत पर प्रीतम के घर से बरामदगी के बाद घनश्याम ने अपने घर का पता बताया। इसके बाद वहां के अधिकारियों ने यहां संपर्क किया और घनश्याम के जिंदा होने की बात बताई। इस सूचना के बाद घनश्याम का बेटा दीपक जालौन पहुंचा और अपने जन्म के बाद पिता को पहली बार देख फूले नहीं समाया।