पटना में लव मैरिज के बाद पति ने की पत्नी की हत्या, जांच मे जुटी पुलिस
पटना। राजधानी पटना के नौबतपुर में शुक्रवार को एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। मामला प्रेम विवाह से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, उन दोनों की शादी लव मैरिज के बाद 5 महीने पहले हुई थी लेकिन शादी के बाद दोनों में लगातार विवाद होने लगे इसके बाद पति ने शुक्रवार को बेरहमी से अपनी पत्नी को मार डाला। घटना नौबतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बालापर की है. मृतका की पहचान बालापर निवासी रोहित कुमार की पत्नी राधा कुमारी के रूप में की गयी है. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया. नौबतपुर की घटना में रोहित कुमार ने अपनी पत्नी राधा कुमारी को मौत के घाट उतार दिया। पांच महीने पहले दोनों ने प्रेम विवाह किया था, लेकिन शादी के बाद इनके रिश्ते में लगातार विवाद बढ़ता गया। राधा ने जिस युवक पर भरोसा करके प्रेम किया और शादी की, उसी ने उसका जीवन समाप्त कर दिया। राधा का सोचना था कि उनका प्यार उन्हें जिंदगी भर साथ देगा और मुश्किलों में उनकी रक्षा करेगा। पर, मात्र कुछ महीनों के भीतर ही उनका यह सपना टूट गया, और प्यार ने हत्या का खतरनाक रूप ले लिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है, परंतु यह घटना यह सवाल उठाती है कि आखिर क्यों ऐसा हुआ कि प्रेम विवाह जैसी साझेदारी भी इतनी भयावह समाप्ति पर पहुंच गई। नौबतपुर की घटना के ठीक दो दिन पहले बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र में भी एक घटना सामने आई थी, जिसमें एक बुजुर्ग पति ने मामूली झगड़े के बाद अपनी पत्नी को लोहे की रॉड से पीट-पीटकर मार डाला। इस घटना में आरोपी ने खुद ही पुलिस थाने में जाकर अपना अपराध स्वीकार किया और अपनी पत्नी के चरित्र पर सवाल उठाए। उसने यह भी कहा कि पत्नी उसकी देखभाल नहीं करती थी, जिससे उसके भीतर नाराजगी भर गई और वह उसे सहन नहीं कर सका। इस घटना में पति की मानसिकता को समझना मुश्किल है, लेकिन यह साफ है कि रिश्तों में छोटी-छोटी बातों का भी गंभीर परिणाम हो सकता है। इन दोनों घटनाओं ने रिश्तों में बढ़ते तनाव और असहिष्णुता को उजागर किया है। प्रेम विवाह जैसे रिश्ते, जो कि विश्वास और समझ के आधार पर टिके होते हैं, में हिंसा का प्रवेश होना चिंताजनक है। वर्तमान समाज में व्यस्तता, तनाव और भावनात्मक संचार की कमी जैसे कारक भी हैं, जो रिश्तों में दरार डाल रहे हैं। छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाने के बजाए उन्हें हिंसक तरीके से निपटाना एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समस्या की ओर संकेत करता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि रिश्तों में संवाद और परस्पर विश्वास का होना आवश्यक है। जहां संवाद की कमी होती है, वहां गलतफहमियां और असंतोष का बढ़ना तय है, जो अंततः हिंसा तक पहुंच सकता है। इन घटनाओं ने यह साबित किया है कि समाज में प्रेम और रिश्तों के प्रति संवेदनशीलता और सहिष्णुता का विकास जरूरी है। विवाह चाहे प्रेम से हो या पारिवारिक समझौते के तहत, दोनों ही परिस्थितियों में सफल रिश्ते की नींव संवाद, समझ और सहिष्णुता पर होती है। परिवार और समाज को चाहिए कि वे ऐसी घटनाओं को सामान्य मानकर न छोड़ें, बल्कि इनके पीछे की मानसिकता पर ध्यान दें और इसे सुधारने के लिए कदम उठाएं। ऐसी घटनाओं से यह बात भी उभरकर सामने आती है कि लोगों को विवाह पूर्व और पश्चात् परामर्श सेवाओं का सहारा लेना चाहिए। साथ ही, समाज और सरकार को ऐसे उपाय अपनाने चाहिए, जो लोगों में रिश्तों में संवाद और समझ विकसित करने में सहायक हों। कई बार लोग मानसिक तनाव में गलत फैसले ले बैठते हैं, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान और परामर्श सेवाएं स्थापित करना जरूरी हो गया है। पटना की इन घटनाओं ने प्रेम, विश्वास और रिश्तों की बुनियाद पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। समाज को ऐसे मामलों से सबक लेते हुए रिश्तों में संवाद और सहिष्णुता के महत्व को समझना चाहिए। हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकती और इससे किसी का जीवन उजड़ सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि समाज, परिवार, और सरकारी संस्थाएं मिलकर एक ऐसा वातावरण तैयार करें, जहां हर व्यक्ति सुरक्षित महसूस करे और रिश्तों में सम्मान और समझ का भाव बनाए रखे।