भागलपुर में जोरदार धमाका, मचा हड़कंप, सात बच्चे गंभीर रूप से घायल
भागलपुर। बिहार के भागलपुर जिले में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब हबीबपुर थाना क्षेत्र के शाहजहांही मैदान में जोरदार बम विस्फोट हुआ। इस धमाके में मैदान में खेल रहे सात बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में से दो बच्चे, मन्नू और गोलू, जो मोहम्मद इरसाद के बेटे हैं, की स्थिति बेहद नाजुक बताई जा रही है। अन्य बच्चों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। इस विस्फोट ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है और लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। धमाका इतना तेज था कि उसकी आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी। धमाके के बाद मैदान में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोग तुरंत बच्चों की मदद के लिए दौड़े और उन्हें भागलपुर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालात की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने बच्चों को मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया, जहां उनका इलाज चल रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि कुछ बच्चों की हालत गंभीर है, और उन्हें तत्काल बेहतर इलाज की आवश्यकता है। मन्नू और गोलू की मां रुक्साद ने बताया कि जब धमाका हुआ, तो वह घर के अंदर थी। आवाज सुनकर वह बाहर आई और देखा कि उसका बेटा खून से लथपथ पड़ा है। यह दृश्य उसके लिए दिल दहलाने वाला था। रुक्साद ने बताया कि दोनों बच्चे रोज की तरह खेलने के लिए मैदान गए थे, लेकिन उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वहां कोई बम हो सकता है। वह दोनों बच्चों को लेकर तुरंत अस्पताल भागी, लेकिन दोनों की हालत बेहद गंभीर है। धमाके के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। लोग अब अपने बच्चों को मैदान में खेलने भेजने से डर रहे हैं। शाहजहांही मैदान, जो आमतौर पर बच्चों और युवाओं के खेलने-कूदने की जगह होती थी, अब एक खौफनाक जगह में तब्दील हो गया है। स्थानीय लोग इस हादसे से बेहद आहत हैं और सवाल कर रहे हैं कि मैदान में बम कैसे पहुंचा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच के मुताबिक, यह एक देसी बम का विस्फोट था, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह बम वहां कैसे और किस उद्देश्य से रखा गया था। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया गया है। धमाके के बाद स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन सतर्क होता और इलाके की नियमित जांच करता, तो शायद यह हादसा नहीं होता। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में असामाजिक तत्वों की गतिविधियां पहले से ही बढ़ रही थीं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब इस धमाके ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। इस घटना ने न केवल घायल बच्चों के परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे इलाके के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उनके बच्चे कितने सुरक्षित हैं। हर दिन की तरह खेलने गए मासूम बच्चे यह नहीं जानते थे कि आज का दिन उनकी जिंदगी को इस कदर बदल देगा। बच्चों की गंभीर हालत देखकर स्थानीय लोग और परिजन मायागंज अस्पताल में इकट्ठा हो गए हैं और प्रशासन से तत्काल मदद की मांग कर रहे हैं। बच्चों के इलाज में किसी तरह की देरी न हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन को भी सतर्क किया गया है। भागलपुर के इस धमाके ने एक बार फिर से सुरक्षा और सतर्कता की कमी को उजागर किया है। यह हादसा केवल उन घायल बच्चों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सवाल खड़ा करता है कि हम अपने बच्चों को किस तरह के माहौल में बड़ा कर रहे हैं, जहां खेल के मैदान भी सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इस हादसे की गहराई से जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। इस हादसे से स्थानीय लोगों में गहरा रोष है और वे मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और घटना के पीछे के कारणों का पता लगाया जाए।
3 साल पहले 14 लोगों की धमाके में हुई थी मौत
4 मार्च 2022 को भागलपुर में बम बनाते समय हुए विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई थी। रात करीब 11.30 बजे जबरदस्त धमाका हुआ। इससे करीब 5 किमी तक का इलाका दहल उठा। वहीं, बम फटने से चार घर ढह गए। दोपहर 3 बजे तक 14 शव निकाले गए हैं। इसके अलावा विस्फोट में 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। पुलिस को मलबे से 5 किलो बारूद और काफी संख्या में लोहे की कीलें मिली थी। इस धमाके से कुछ ही दिनों पहले IB ने भी भागलपुर पुलिस को अलर्ट किया था। विस्फोट से करीब 5 किमी के दायरे में बसे दस हजार परिवारों ने पूरी रात दहशत में गुजारी। रात भर अफरातफरी का माहौल रहा।