सीतामढ़ी के बाबा बालकेश्वर नाथ मंदिर में कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, सावन के आखिरी सोमवारी में उमड़ी भारी भीड़
सुरसंड (सीतामढ़ी) । बाबा बालकेश्वर नाथ मंदिर में कोरोना पर आस्था भारी पड़ता दिखाई दिया। सावन के आखिरी सोमवारी में उमड़ी भीड़ ने यह बात साबित कर दिया।
सुरसंड प्रखंड में मौजूद इस मंदिर से सिर्फ दो किमी की दूरी पर नेपाल है। इस मंदिर की कई खासियत है। मंदिर में मौजूद शिवलिंग चांद के आकार का है जो कि पृथ्वी के गर्भ से निकला हुआ है।
यहां को लोग भी अपनी मन्नतें मांगते हैं वह पूरी होती है। बालकेश्वर बाबा के बारे में लोग बताते हैं कि वह बड़े क्रूर प्रवृत्ति के लोग थे। अपराध करना उनकी दिनचर्या में शामिल था।
एक दिन विष्णु भगवान अवतरित हुए व बालकेश्वर से बोले कि तुम जो गलत काम कर रहे हो उसे तुम छोड़ दो, उस काम से तुम्हारे घर वाले भी खुश नहीं हैं।
अगर विश्वास नहीं है तो घर जाकर पूछ लो। जब वे अपने घर पूछने गए तो परिवार के लोगों ने भी उन्हें बोल दिया कि आपके गलत काम से हम खुश नहीं हैं।
उस दिन से ही बालकेश्वर शिव की भक्ति में इसी स्थान पर आकर लीन हो गया। और भी कई मायने में मंदिर की बड़ी अहमियत है। यही वजह है कि सावन के अलावा अन्य दिनों में भी पूजा करने के लिए श्रद्धालु आते हैं।