बिहार में बाढ़ को लेकर सोशल मीडिया से तेजस्वी का हमला, पीएम और सीएम पर कसा तंज, यूपीए सरकार की दिलाई याद
- तेजस्वी बोले- याद करिए 2008 के बाढ़ में यूपीए ने बिहार की कितनी मदद की, पर आज केंद्र और बिहार सरकार दोनों लाचार
पटना। बिहार में बाढ़ की समस्या को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कड़ा हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार बाढ़ के मुद्दे को लेकर लाचार नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र में यूपीए सरकार थी, तब प्रधानमंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के लिए बिहार आते थे, लेकिन आज की सरकार इस मुद्दे पर उदासीन दिखती है। तेजस्वी ने एक्स पर पोस्ट किया और सुबह-सुबह पीएम मोदी और नीतीश कुमार पर फायर हो गए। तेजस्वी ने अपने पोस्ट में इस बात का जिक्र किया है कि कैसे बिहार में 2008 में जब बाढ़ आया था तो केंद्र की यूपीए सरकार ने मदद की थी। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित होते हैं, परंतु केंद्र और राज्य सरकारें सिर्फ वादे करने तक सीमित हैं। बाढ़ से हजारों लोग बेघर हो जाते हैं, खेत और फसलें बर्बाद हो जाती हैं, लेकिन सरकारें कोई ठोस कदम उठाने के बजाय केवल बयानबाजी करती हैं। उन्होंने मौजूदा सरकार को जनता के प्रति जिम्मेदारीहीन बताते हुए कहा कि जनता को राहत देने के बजाय सरकार केवल राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री जी 2008 में बिहार में आई बाढ़ को याद कीजिए, यूपीए सरकार ने कितनी मदद की थी
तेजस्वी ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, मुख्यमंत्री जी, क्या आपको 2008 याद है? प्रधानमंत्री जी, क्या आपको ज्ञात है कि बिहार भारत में है? 2008 में बिहार में आई बाढ़ को याद कीजिए। तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी कांग्रेस के बाद केंद्र में दूसरी सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी राजद और उनके नेता केंद्रीय रेल मंत्री आदरणीय लालू प्रसाद जी के आग्रह पर प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी और यूपीए चेयरपर्सन आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधी जी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर बिहार आए थे। करीब 15 साल पहले कैसे मदद की गई थी उसको लेकर तेजस्वी ने लिखा, “लालू जी ने सकारात्मक राजनीति का अकल्पनीय व अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री जी को बाढ़ की भयावह स्थिति से अवगत करा इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कराया तथा उस दौर में यानि आज से 15 साल पूर्व केंद्र से तत्काल 1000 करोड़ की विशेष सहायता राशि बिहार को दिलाई। हां जी केवल बाढ़ के लिए 1000 करोड़।
नीतीश सरकार ने जितना मांगा यूपीए ने उससे अधिक बिहार को दिया
तेजस्वी यादव ने यह भी लिखा, एनडीए की नीतीश सरकार ने केंद्र की यूपीए सरकार से एक लाख टन अनाज की मांग की थी लेकिन केंद्र की यूपीए सरकार ने प्रभावित लोगों की मदद एवं राहत के लिए एक लाख 25 हजार टन अनाज बिहार को दिया. जितना नीतीश सरकार ने मांगा उससे अधिक बिहार को दिया।” आगे तेजस्वी ने कहा, “नीतीश सरकार ने उसी अनाज को बचाकर रखा और 2010 के चुनावों से पूर्व गरीब जनता में यूपीए सरकार का दिया हुआ अनाज यह कर बांटा कि नीतीश सरकार यह अनाज दे रही है और चुनावों में इसका फायदा उठाया।
लालू यादव ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त रेल चलाई
केंद्र और बिहार की एनडीए सरकारें उत्तर बिहार के लोगों की जान और माल की कीमत बस चंद किलो अनाज से आंकती हैं। बारंबार तटबंध और बांध क्यों टूटते हैं इसका कारण भी सरकार को बताना होगा। “तेजस्वी यादव ने पोस्ट के जरिए कहा कि उस वक्त तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त रेल चलाई और साथ ही 90 करोड़ की सहायता राशि भी रेल मंत्रालय से दिलाई।
लालू ने बिहार को एक लाख 44 हजार करोड़ की वित्तीय पैकेज दिलाया था
उन्होंने एक लाख साड़ी-धोती बंटवाई। कोसी क्षेत्र में रेलवे प्लेटफॉर्म पर रेल के डिब्बों में बाढ़ राहत शिविर लगवाए। उन्होंने अपने एक महीने की सैलरी, केबीसी में जीते हुए एक करोड़ रुपये, रेल मंत्रालय के सभी कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी, आईआरसीटीसी, रेलवे ईस्ट जोन, वेस्ट जोन इत्यादि से भी सहायता राशि बिहार को दी। 2004 से 2009 के लालू यादव में बिहार को एक लाख 44 हजार करोड़ की वित्तीय पैकेज दिलाया था, लेकिन उससे चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकाया।
प्रधानमंत्री को बिहार नजर नहीं आ रहा है
तेजस्वी ने कहा कि उस वक्त यूपीए के बिहार से 29 सांसद थे जबकि अब एनडीए के 30 सांसद हैं। एनडीए के 30 सांसद, बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्र में बिहार से एनडीए के सात केंद्रीय मंत्री कितने बेबस, लाचार और असहाय हैं कि इनके सहारे चल रही केंद्र सरकार से बिहार की विनाशकारी बाढ़ को ना आपदा घोषित करा सकते हैं ना ही विशेष सहायता राशि की मांग सकते हैं। आज बीजेपी के किसी भी केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री को बिहार नजर नहीं आ रहा है? नीतीश कुमार बिहार की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने एवं सहायता राशि की मांग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से क्यों नहीं मिलते? नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मिलने में क्यों हिचकते हैं?
केंद्र और राज्य सरकारें सिर्फ वादे करने तक सीमित हैं
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित होते हैं, परंतु केंद्र और राज्य सरकारें सिर्फ वादे करने तक सीमित हैं। बाढ़ से हजारों लोग बेघर हो जाते हैं, खेत और फसलें बर्बाद हो जाती हैं, लेकिन सरकारें कोई ठोस कदम उठाने के बजाय केवल बयानबाजी करती हैं। उन्होंने मौजूदा सरकार को जनता के प्रति जिम्मेदारीहीन बताते हुए कहा कि जनता को राहत देने के बजाय सरकार केवल राजनीति कर रही है। तेजस्वी यादव का कहना है कि बिहार में हर साल बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान बिहार में बाढ़ की स्थिति में तत्परता से कार्रवाई होती थी। उन्होंने सरकार से मांग की कि बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं। तेजस्वी ने कहा कि सरकार को वैज्ञानिक तरीकों से बाढ़ रोकने के लिए काम करना चाहिए और आपदा प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ बनाना चाहिए, ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को समय पर मदद मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता है, ताकि जनता को इस आपदा से राहत मिल सके।