राज्य में वज्रपात से बचाव के लिए लगाया जायेगा हूटर, पटना समेत इन जिलों से होगी शुरुआत
पटना। बिहार में व्रजपात की घटनाएं बढ़ने से मरने वालों की संख्या भी बढ़ी है। बिहार राज्य आपदा प्राधिकरण ने व्रजपात से लोगों को बचाने के लिए सभी जिलों में हूटर लगाने का निर्णय लिया है, ताकि लोगों को 40 मिनट पहले वज्रपात की जानकारी मिल सके। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस हूटर का इस्तेमाल औरंगाबाद, पटना व गया में होगा। जनवरी तक इसे आरंभ किया जायेगा। पिछले पांच वर्षों में वज्रपात से 1475 लोगां की मौत हुई है। अभी इंद्रव्रज एप से ठनका गिरने की सूचना 30 मिनट पहले दिया जाता है। इस एप को सवा लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में परेशानी दूर नहीं हो रही है। खेतों में काम करने वाले किसानों के पास मोबाइल उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें यह संदेश नहीं मिल पा रहा है। इस कारण प्राधिकरण ने गांवों में हूटर लगाने का निर्णय लिया है।
हूटर के साथ लगेंगे तड़ित चालक
प्राधिकरण अधिकारियों ने कहा कि हूटर की आवाज पांच किलोमीटर तक जायेगी। ठनका गिरने के आधे घंटे पहले हूटर बजेगा। खेतों में काम करने वाले किसान भी इसकी आवाज सुनते ही वह सुरक्षित जगह पर चले जायेंगे। इसके अलावा तड़ित चालक भी लगाया जायेगा, जिसकी शुरुआत की गयी है। यह यंत्र सरकारी भवनों पर लगाया जायेगा और यह 130 मीटर के क्षेत्र में गिरने वाले ठनका को अपनी ओर खींच लेगा।